महाराष्ट्र

राज्य पर जलसंकट का साया

बांधों में केवल 66.31 फीसद पानी

* पिछले 20 वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत कमी
पुणे/दि. 9– ‘एल नीनो’ के प्रभाव के कारण इस बार औसतन से कम बारिश होने के कारण राज्य के 6 विभागों के बांध में जलसंग्रहण 66.31 प्रतिशत पर पहुंच गया है. पिछले वर्ष इसी समय 87.10 प्रतिशत जल संग्रहित था. उस तुलना में इस बार 20 प्रतिशत जलसंग्रह कम है.

राज्य के पुणे, नागपुर, अमरावती, छत्रपति संभाजीनगर , नाशिक और कोकण ऐसे 6 विभागो में 2595 लघ, मध्यम और बडे बांध प्रकल्प है. बांधों का पानी राज्य की खेती, नागरिकों को पेयजल के लिए तथा औद्योगिक कारणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इस बार कुछ अपवाद को छोडकर अधिकांश बांध शत प्रतिशत भरे नहीं है. वर्तमान में राज्य के कोकरण विभाग के बांध में सर्वाधिक 82.63 फीसद पानी है पिछले वर्ष इस विभाग में वर्तमान समय में 83.15 प्रतिशत जलसंगहित था. छत्रपति संभाजीनगर विभाग में फिलहाल 37.63 प्रातिशत जलसंग्रहण है. पिछले वर्ष इस विभाग में 87.37 प्रतिशत जलसंग्रहित था. नागपुर विभाग में 71.78 प्रतशित पानी है. पिछले वर्ष यह 79.46 प्रतिशत था.

अमरावती विभाग में पिछले वर्ष 91.52 प्रतिशत जलसंग्रहण था. इस बार यह 75.62 प्रतिशत है. पुणे विभाग में भी जलसंग्रहण में भारी कमी आई है. पिछले वर्ष इस विभाग में 88.88 पतिशत जलसंग्रहित था. इस बार यह 70.39 प्रतिशत है. नाशिक विभाग में पिछले वर्ष के 89.89 प्रतिशत जलसंग्रहण की तुलना में इस वर्ष 70.61 प्रतिशत पानी है.

* ग्रीष्मकाल में जलसंकट और गहराएगा
– मानसून समाप्त होने को तीन माह बीत गए है. इस कालावधि में ही बांध का जलस्तर तेजी से कम होने की बात आंकडेवारी से सामने आई है.
– ठंड के मौसम में मराठवाडा, विदर्भ और मध्य महाराष्ट्र के कुछ जिले और शहरों में पानी कटौती की शुरुआत हो गई है.
– जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ से स्थानीय स्तर की मांग के मुताबिक टैंकर शुुरु किए गए हैं.
– ग्रीष्मकाल में पानी की बढती मांग, पानी चोरी, वाष्पीभवन के कारण जलसंकट और गहराने की संभावना है.

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