विधानमंडल की संयुक्त समिति का भेजा जाएगा ‘शक्ति ’विधेयक, अगले सत्र में बनेगा कानून
शीतकालीन अधिवेशन
मुंबई/दि. 16 – विधानमंडल में शीतकालीन अधिवेशन के दूसरे दिन मंगलवार को भी विपक्षी सदस्यों का हंगामा, शोर शराबा और नारेबाजी जारी रही. इस गतिरोध के बीच ही महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन तथा दूसरे गंभीर अपराधो के खिलाफ कडे कानून समेत विशेष अदालतों के गठन से जुडे प्रस्तावित शक्ति विधेयक को दोनों सदनों की संयुक्त समिति के पास भेज दिया गया. शक्ति विधेयक को गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार को विधानसभा में पेश किया था. इसे मंगलवार को चर्चा के बाद मंजूरी दी जानी थी. लेकिन विपक्ष ने जल्दबाजी में कानून में खामियां रदद हो जाने का हवाला देते हुए संयुक्त समिति के पास भेजने की वकालत की. भाजपा विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि विधेयक पर अभी और विचार विमर्श की जरूरत है. मौजूदा अधिवेशन सिर्फ दो दिन का होने के चलते इस पर चर्चा और संशोधन के लिए पर्याप्त समय नहीं है. सत्ता पक्ष ने विपक्ष की इस मांग को स्वीकार करते हुए विधेयक को संयुक्त समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा. जिसे एकमत से स्वीकार कर लिय गया.
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समिति में होंगे 21 सदस्य, गृहमंत्री करेंगे अध्यक्षता
उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने बताया कि संयुक्त समिति में कुल 21 सदस्य होंगे. जिनमें से 15 विधानसभा जबकि 6 विधान परिषद के सदस्य होंगे. समिति की अध्यक्षता गृहमंत्री करेंगे. समिति में ज्यादा से ज्यादा महिला विधायको को शामिल करने की कोशिश की जाएगी. संयुक्त समिति को अगले अधिवेशन के खत्म होने से पहले कानून को लेकर मसौदा तैयार करना होगा. जिसे विधानमंडल के आगामी सत्र के दौरान मंजूरी दी जाएगी. इसके अलावा इन मामलो की छानबीन और सुनवाई के लिए प्रस्तावित विशेष अदालतों और जांच टीम बनाने से जुडा विधेयक भी अगले सत्र तक के लिए टल गया है.
* विधान परिषद में विपक्ष ने मराठा आरक्षण पर लगातार दूसरे दिन हंगामा किया. इस कारण सदन की कार्यवाही पहले पांच मिनिट और फिर तीस मिनिट के लिए स्थगित करनी पडी. विपक्ष के नेता प्रवीण दरेकर ने कार्य स्थगन प्रस्ताव के जरिए मराठा आरक्षण का मुद्दा उठाया. भाजपा समर्थित विधायक विनायक मेेटे भी मराठा आरक्षण पर बोलना चाह रहे थे. वे मराठा आरक्षण की मांग से संबंधित बैनर पहनकर पहुंचे. सभापति रामरोज नाईक-निबांलकर ने कहा कि मेटे बैनर निकालकर आएंगे, तब ही उन्हे बोलने की अनुमति दी जाएगी. आखिरकार मेटे बैनर को ढकने के लिए जैकेट पहनकर सदन में वापस आए. जिसके बाद सभापति ने मराठा आरक्षण में बोलने की अनुमति दी.
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‘सरनाईक के खिलाफ ईडी की कार्रवाई राजनीतिक विकृति’
मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि उनके प्रिय लोगों के खिलाफ प्रताप सरनाईक विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव लाए, इसलिए सरनाईक के खिलाफ ईडी ने छानबीन शुरू की है. पूरकमांगो पर चर्चा के दौरान विधानसभा में विरोधी पक्ष नेता देवेन्द्र फडणवीस के आरोपो का जवाब देते हुए ठाकरे ने सरनाईक के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक विकृति बताया. उध्दव ठाकरे ने कोरोना से लडने में ढिलाई के विपक्ष के आरोपों को भी खारिज कर दिया . मुख्यमंत्री ने कहा कि ओबीसी समाज को नुकसान पहुंचाए बिना मराठा समाज को आरक्षण दिया जाएगा.
- कारशेड के जवाब में बुलेट ट्रेन- ठाकरे ने बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर निशाना साधा और कहा कि मुंबई की बेशकीमती जमीन इस परियोजना के लिए दी गई है. लेकिन बदले में हमें सिर्फ चार स्टेशन मिलेंगे. हमारे लिए पर्याप्त वातावरण अहम है.
- हिंदुत्व का कार्ड -मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि सरकार राज्य के प्राचीन मंदिरों का संवर्धन करेगी. इसके लिए अलग बजट का प्रावधान किया गया है.