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अजीत पवार के नए दांव से तिलमिलाए शरद पवार और उध्दव ठाकरे

पर शिंदे गुट के विधायक गदगद क्यों ?

मुंबई/ दि. 24-महाराष्ट्र की राजनीति में शह-मात का खेल जारी है. अब उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभालने के कुछ दिनों के अंदर ही ऐसा दांव चला है, जिससे चाचा शरद पवार और उनके समर्थक तिलमिला उठें है. भतीजे अजीत पवार ने अपने साथ बगावत करनेवाले एनसीपी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों के लिए अधिक विकास निधि आवंटित करना शुरू कर दिया है. इतना ही नहीं जूनियर पवार ने शिवसेना (शिंदे) गुट के विधायको को भी इसका फायदा पहुंचाया है. शिव सेना के उध्दव ठाकरे गुट और एनसीपी के शरद पवार गुुट के विधायकों ने इस फंड आवंटन पर गडबडी का दावा किया है.
अजीत पवार ने अनुपूरक मांग प्रावधान के तहत 1,500 करोड रूपए आवंटित किए है, जिनमें से अधिकांश एनसीपी और शिवसेना के बागी विधायकों के निर्वाचन क्षेत्रों में विकास परियोजनाओं को निधि देने के लिए खर्च किए जायेंगे. एनसीपी के बागी और शिंदे गुट और भाजपा के विधायकों को 25 करोड रूपए और उससे अधिक की परियोजनाएं आवंटित की जा रही है.
यह घटनाक्रम कई कारणों से दिलचस्प है. अजीत पवार के करीबी विधायको को इस विकास निधि का अधिक आवंटन शरद पवार गुट के वफादार विधायकों को अपने खेमे में लाने के लिए प्रोत्साहन के रूप में देखा जा रहा है. अजीत के साथ एनसीपी के 53 में से करीब 40 विधायक बताए जा रहे हैं.
फंड आवंटन पर शरद पवार गुट के राज्य एनसीपी प्रमुख जयंत पाटिल ने ईटी से कहा मैं भी वित्त मंत्री था और मुझे आश्चर्य है कि अनुपूरक अनुदान का आंकडा इतनी बडी संख्या में पहुंच गया है कि ऐसा लग रहा है कि जो कोई भी धन मांग रहा है, उसे आवंटित किया जा रहा है और सभी के सपने पूरे किए जा रहे है. गौरतलब है कि शरद पवार गुट के करीबी अन्य एनसीपी विधायकों जैसे जितेंद्र अव्हाड को पूरक अनुदान में कोई धनराशि नहीं मिली है, जबकि जयंत पाटिल के निर्वाचन क्षेत्र-इस्लामपुर में परियोजनाओं के लिए धन आवंटित किया गया है.

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