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पुणे/दि.4-शक्कर उद्योग में भविष्य में आने वाली समस्या को ध्यान में रखते हुए दूरगामी नियोजन बनाने पर इसका सकारात्मक परिणाम इस उद्योग की प्रगति पर होगा. इसके लिए इस क्षेत्र के तज्ञों को एक साथ आने का आवाहन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किया. वसंतदादा शुगर इंस्टीट्युट में आयोजित शक्कर परिषद-2022 के उदघाटन अवसर पर वे बोल रहे थे. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, ज्येष्ठ नेता सांसद शरद पवार, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, महसूल मंत्री बालासाहब थोरात, गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटील, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे,सहकार मंत्री बालासाहब पाटील,विश्वजित कदम, सतेज पाटील,शंभुराज देसाई,सांसद श्रीनिवास पाटील,हेमंत पाटील, शक्कर आयुक्त शेखर गायकवाड़, राष्ट्रीय सहकारी कारखाना महासंघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगावकर, राज्य सहकार परिषद के अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर आदि उपस्थित थे.
* शक्कर में मिठास पवार साहब ने राजनीति में लाई
शक्कर की मिठास पवार साहब ने राजनीति में लायी है और सभी पार्टियों के नेता पक्षीय जोड़े निकालकर राज्य एवं देश के हित का विचार कर रहे हैं, यह निश्चित ही अच्छी बात है. शक्कर उद्योग यह महाराष्ट्र का मुख्य उद्योग है. शक्कर के महत्व को ध्यान में रखते हुए नियोजन करना आवश्यक है.गन्ना तोड़ कामगार,किसान,शक्कर कारखानदार यह राज्य की आर्थिक व्यवस्था को गति प्रदान करते हो तो उन्हें सहयोग करना शासन का कर्तव्य है. शक्कर कारखाना नुकसान में चल रहा हो तो उद्योग के नियोजन की ओर विशेष रुप से ध्यान देना जरुरी है. शक्कर परिषद में इस उद्योग की समस्या पर विचार किया जाये. शक्कर महासंघ ने इस उद्योग की दिक्कतें हल करने के लिए काफी प्रयास किए हैं. ऐसी जानकारी मुख्यमंत्री ने दी.
* अपना किसान मेहनत करने में पीछे नहीं
ब्र्राजील शक्कर उद्योग की उन्नति के लिए किए गए उपायों का अभ्यास कर हमें भी अनुकूल बदल करना आवश्यक है. इसके लिए किसानों को संगठित कर उन्हें मार्गदर्शन करना जरुरी है. अपने किसान मेहनत करने के लिए पीछे नहीं रहते. मात्र उन्हें नई तकनीकी एवं नियोजन बाबत मार्गदर्शन करना होगा. राज्य शासन शक्कर उद्योग के उत्कर्ष के साथ इस क्षेत्र की समस्या हल करने के लिए प्रयास कर रहा है. इस क्षेत्र का नया तकनीकी ज्ञान स्वीकार कर भविष्य के बारे में सोचा जाये तो अच्छी प्रगति होगी, इथेनॉल की ओर एक पर्यायी ईंधन के रुप में देखना चाहिए. राज्य सरकार इथेनॉल निर्मिति को प्रोत्साहन दे रही है. गन्ना तुड़ाई कामगारों की समस्या हल करने के लिए शासन ने गोपीनाथ मुंडे ऊसतोड़ कामगारों के लिए महामंडल स्थापित किया है. इस माध्यम से गन्नातोड़ कामगारों की समस्या हल की जा सकेगी.