महाराष्ट्र

शरद पवार हैं अपने ड्राईवर के प्रशंसक

आत्मकथा में गामा ड्राईवर की जमकर तारीफ

43 साल से बना हुआ है भावनात्मक रिश्ता
मुंबई/दि.5 – एनसीपी नेता शरद पवार ने हाल ही में अपनी आत्मकथा जारी की. अपनी इस आत्मकथा में शरद पवार ने अपने ड्राइवर गामा की जमकर तारीफ की है. शरद पवार ने कहा कि गामा करीब चार दशकों से उनके साथ है और उसके रहते कभी वह दुर्घटना के शिकार नहीं हुए. शरद पवार ने ये भी कहा कि गामा उनके अभिभावक जैसा है और एक अभिभावक की तरह वह उनके खाने पीने और दवाई का पूरा ध्यान रखता है.
मंगलवार को शरद पवार ने अपनी आत्मकथा ’लोक माझे संगति’ लॉन्च की. अपनी आत्मकथा में शरद पवार ने अपने ड्राइवर गामा का भी जिक्र किया है और उनकी जमकर तारीफ की. पवार ने लिखा कि ’ अपने सार्वजनिक जीवन में उन्हें कई करीबी सहयोगी मिले, जिनमें मेरा निजी ड्राइवर गामा भी शामिल है. वह मेरे साथ बीते 43 सालों से है और वह मुझे राज्य के हर कोने में लेकर गया है लेकिन कभी भी हमारा वाहन दुर्घटना का शिकार नहीं हुआ. इससे पता चलता है कि वह अपनी जिम्मेदारी को लेकर कितना गंभीर है.’
पवार ने लिखा कि, समय बचाने और समय के बेहतर इस्तेमाल के लिए वह कई बार नेताओं, उद्योगपतियों आदि के साथ सफर करते हैं और इसी दौरान उनसे बातचीत करते हैं. पवार ने कहा कि ’मैंने कई संवेदनशील मुद्दों पर गामा के सामने चर्चा की है लेकिन कभी भी एक शब्द बाहर लीक नहीं हुआ. गामा ने मेरा विश्वास हासिल किया है.’ पवार ने यहां तक लिखा कि गामा उनके लिए अभिभावक की तरह है जो सफर के दौरान उनकी हर जरूरत का ध्यान रखता है. फिर चाहे उनके कपड़े, दवाईयां या फिर खाना हो. पवार लिखते हैं कि कई बार अगर मैं अपना खाना ना खाऊं या दवाई लेना भूल जाऊं, तो गामा अधिकारियों को डांट भी देता है.
पवार ने बताया कैसे हुई उनकी गामा से मुलाकात : पवार ने लिखा कि जब उनकी पार्टी ने उन्हें पार्टी के कामकाज के लिए एक गाड़ी दी तो उनके पास कोई ड्राइवर नहीं था. मैंने इसका जिक्र बारामाती के डॉ. एम आर शाह से किया तो उन्होंने अपना ड्राइवर मुझे दे दिया. गामा उस वक्त एम आर शाह के साथ ही काम करते थे. पवार लिखते हैं कि उसके बाद से गामा लगातार उनके साथ है. पवार ने लिखा कि गामा जिन वाहनों को चलाते हैं, उनका भी पूरा ध्यान रखते हैं और अगर वाहन में कोई समस्या है तो वह उसे इस्तेमाल से मना कर देते हैं. पवार ने बताया कि वह भी गामा की सलाह मानते हैं. बता दें कि अपनी आत्मकथा के विमोचन के दौरान ही शरद पवार ने एनसीपी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का ऐलान कर सभी को चौंका दिया था.

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