महाराष्ट्र

चुनावी नतीजों को लेकर शेअर मार्केट की बढी धडकनें

शेअर खरीदने या बेचने को लेकर जबर्दस्त संभ्रम

* बाजार के अस्थिर रहने की संभावना
* महंगाई सुचकांक की ओर लगा सभी का ध्यान
मुंबई/दि.13– देश में लगातार बढ रही चलन वृद्धि और धीरे-धीरे नजदीक आ रहे लोकसभा चुनाव के नतीजों को देखते हुए अब बाजार के अस्थिर रहने की पूरी संभावना है. महंगाई सुचकांक के बाद यदि बाजार नीचे जाता है, तो कम कीमत में अच्छे शेअर खरीदने का मौका मिल सकता है, लेकिन इसके बाद जरुरी है कि, सही समय को सही तरीके से साधा जाये.

बता दें कि, आगामी सप्ताह दौरान भारत सहित अमरीका, चीन और जापान में चलन वृद्धि के आंकडे घोषित होंगे, जिसके बाद तेलों की कीमत व विदेशी वित्तीय संस्थाओं की भूमिका एवं कंपनियों के प्रदर्शन परिणाम की दिशा तय होगी. साथ ही फेडरल रिजर्व के प्रमुख द्वारा क्या कहा जाता है. इस ओर बाजार का ध्यान रहेगा.

* निवेशकों का निवेश 9.67 लाख करोड रुपयों से घटा
विगत सप्ताह के दौरान शेअर बाजार के नीचे लुढक जाने की वजह से निवेशकों का निवेश कम हो गया है. सप्ताह के अंत में बाजार में पंजीकृत कंपनियों का पुंजी निवेश 3,96,56,440.68 करोड रुपयों पर आ गया है.

विगत सप्ताह में यह पुंजी निवेश 4,06,24,224.49 करोड रुपयों पर था. यानि एक सप्ताह के भीतर निवेशकों के 9,67,783.66 करोड रुपयों का निवेश डूब गया. हालांकि यह घाटा केवल दस्तावेजों पर ही होता है और इसका कोई प्रत्यक्ष लाभ या नुकसान नहीं होता. यदि संबंधित निवेशक द्वारा अपने पास रहने वाले शेअर को न बेचा जाये.

* फायदा कमाने का भी मौका
बाजार में अस्थिरता रहने के चलते कुछ अच्छे शेअर कम कीमत में भी मिलने का मौका है. देशी व विदेशी वित्तीय संस्थाओं द्वारा विक्री पर जोर दिये जाने की वजह से बाजार इस समय नीचे की ओर लुढका है. फिलहाल यह स्थिति कायम रहने की पूरी संभावना है. ऐसे में निवेशकों को सतत सावधान व सतर्क रहने की भी जरुरत है. क्योंकि ऐसे समय अच्छा फायदा भी कमाया जा सकता है.

* संस्थाओं ने निकाल लिये 17 हजार करोड
लोकसभा चुनाव के परिणामों की अनपेक्षित संभावना को ध्यान में रखते हुए विदेश वित्तीय संस्थाओं ने फायदा कमाने के लिए मई माह में ही विक्री को प्राधान्य दिया है. जिसके तहत पहले 10 दिनों में विदेशी संस्थाओं में से 17,083 करोड रुपए तथा बाँड में से 1,602 करोड रुपए निकाल लिये है.
तेजी का फायदा लेने के साथ ही चुनाव परिणामों को लेकर सावधानी भी इस जरिए दिखाई देती है. फरवरी व मार्च माह में विदेशी वित्तीय संस्थाओं द्वारा भारतीय बाजारों में निवेश किया गया तथा देशांतर्गत वित्त संस्थाओं ने भी इन्हीं दो माह के भतीर 52,152 करोड रुपयों के शेअर बेचे.

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