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शिंदे ने फिर ठोंका शिवसेना पर दावा

अपने पास 50 विधायकों का समर्थन रहने की बात दोहरायी

नई दिल्ली/दि.28- शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे मंगलवार को गुवाहाटी में मीडिया के सामने आए और उन्होंने एक बार फिर शिवसेना पर अपना दावा ठोंकते हुए कहा कि, उनके पास पूरे 50 विधायकों का समर्थन है. ऐसे में वे ही असली शिवसेना है. साथ ही उनके गुट का कोई भी विधायक इस समय सीएम उध्दव ठाकरेवाले गुट के संपर्क में नहीं है.
गुवाहाटी के होटल में मौजूद शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने आज पहली बार मीडिया के सामने आते हुए खुलकर अपनी बात रखी. जिसके तहत उन्होंने जल्द ही मुंबई जाने की बात कहते हुए कहा कि, हम अब भी शिवसेना में ही हैं और हम बालासाहब की विरासत के साथ ही हिंदुत्व के मुद्दे को आगे ले जा रहे हैं.

* नड्डा व शाह से मिलने दिल्ली पहुंचे फडणवीस
इधर, भाजपा नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मंगलवार को करीब 2 बजे चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली पहुंचे. बताया जा रहा है कि वे सरकार बनाने की संभावनाओं पर पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से मिलेंगे. चर्चा यह भी है कि शिवसेना के बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे भी आज ही दिल्ली जा सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, शिंदे गुट और भाजपा के बीच सरकार बनाने पर मंथन भी चल रहा है. भाजपा ने शिंदे गुट को 8 कैबिनेट और 5 राज्य मंत्रियों का ऑफर दिया है. सूत्रों के मुताबिक, डिप्टी सीएम के लिए एकनाथ शिंदे का नाम रखा गया है. वहीं गुलाबराव पाटिल, संभुराज देशाई, संजय शिरसाट, दीपक केसरकर, उदय सामंत को मंत्री बनाया जा सकता है.

* गुवाहाटी के होटल की बुकिंग 12 जुलाई तक बढ़ाई गई
शिवसेना के बागी विधायकों को 12 जुलाई तक गुवाहाटी में ही रखने की तैयारी है. गुवाहाटी के जिस होटल में शिंदे गुट के विधायक ठहरे हुए हैं, उसकी बुकिंग 12 जुलाई तक के लिए बढ़ा दी गई है. इस तारीख तक होटल में आम लोगों के लिए कोई भी रूम उपलब्ध नहीं है. सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने वाले डिप्टी स्पीकर के नोटिस पर जवाब देने पर 11 जुलाई को सुनवाई करेगा.
 
* भाजपा ने अपने विधायकों को कल मुंबई बुलाया
इधर, महाराष्ट्र भाजपा ने अपने सभी विधायकों को 29 जून तक मुंबई पहुंचने को कहा है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सागर बंगले पर भाजपा कोर ग्रुप की सोमवार शाम को हुई मीटिंग के बाद विधायकों के लिए यह फरमान जारी किया गया. इससे पहले पार्टी के सीनियर लीडर्स ने सियासी हालात पर चर्चा की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक वेट एंड वॉच की रणनीति अपनाने का फैसला किया.

* सामना में लिखा – महाराष्ट्र के 3 टुकड़े करने की है साजिश
महाराष्ट्र के जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना के मुखपत्र सामना में मंगलवार को भाजपा और बागी विधायकों पर निशाना साधा गया. शिवसेना ने लिखा- दिल्ली में बैठे भाजपाई नेताओं ने महाराष्ट्र को तीन टुकड़ों में बांटने की खतरनाक साजिश रची. इसमें लिखा गया है कि, सरकार के पक्ष में खड़े लोगों को ईडी की फांस में फंसाकर आवाज दबाने की कोशिश की जा रही है. महाराष्ट्र के सियासी पटल पर यह खेल कब तक चलेगा? महाराष्ट्र के टुकड़े करने वालों के हम टुकड़े कर देंगे.
 
* आदित्य ठाकरे बोले- 15-20 बागी हमारे संपर्क में
इधर, उद्धव ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने सोमवार को फिर दावा किया कि 15 से 20 बागी विधायक उनके संपर्क में हैं. उन्होंने फोन करके गुवाहाटी से वापस लाने की अपील की है. पहले सूरत और फिर गुवाहाटी में उनकी हालत कैदियों जैसी है.

* राउत बोले- बागी विधायक चलती-फिरती लाशें
इधर शिवसेना के सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने एक बार फिर ट्वीट करते हुए बागी विधायकों व भाजपा पर निशाना साधा है. ट्विटर हैंडल पर बागी विधायकों का बिना नाम लेते हुए लिखा, जहालत एक किस्म की मौत है, और जाहिल लोग चलती फिरती लाशें हैं. इससे पहले भी संजय राउत ने बागी विधायकों को जिंदा लाश कहकर संबोधित किया था. उन्होंने कहा था, गुवाहाटी में वो 40 लोग जिंदा लाश हैं, उनकी आत्मा मर चुकी है. उनके इस बयान पर काफी हंगामा हुआ था.

* शिंदे ने दी सीएम ठाकरे को चुनौती
– बोले : जल्द आ रहा हूं मुुंबई
– सभी 50 विधायकों को पूरी तरह बताया अपने साथ
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे द्वारा की गई बगावत को एक सप्ताह से अधिक समय बीत चुका है. इस दौरान शिवसेना व महाविकास आघाडी के नेताओं द्वारा इस पूरे मामले के पीछे भाजपा का हाथ रहने का आरोप लगाया गया. जिसे लेकर भाजपा सहित शिंदे गुट की ओर से अब तक कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया. हालांकि बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने यह जरूर कहा था कि, अगर वे भाजपा नेताओें की सहायता लेते है, तो उसमें गलत क्या है. इसी दौरान शिवसेना सांसद व प्रवक्ता संजय राउत सहित मंत्री आदित्य ठाकरे ने बागी गुट केे नेताओं को मुंबई आने की चुनौती देते हुए यह चेतावनी भी दी थी कि, इन सभी विधायकों को मुंबई लौटने पर सबक सिखाया जायेगा. इन तमाम घटनाक्रमों के बीच बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे पूरी तरह से चुप्पी साधे हुए थे. लेकिन अब उन्होंने मीडिया के सामने अपनी चुप्पी तोडते हुए सीएम उध्दव ठाकरे को चुनौती देनेवाले अंदाज में कहा है कि, वे बहुत जल्द ही गुवाहाटी से निकलकर मुंबई आनेवाले है. यदि शिवसेना सहित महाविकास आघाडी के नेताओं में दम है, तो उन्हें रोककर दिखाया जाये. इसके साथ ही बागी गुट नेता शिंदे ने सेना की ओर से किये गये उस दावे को भी पूरी तरह से झूठ करार दिया. जिसमें सेना नेता अनिल देसाई ने बागी गुट के 20 विधायकों द्वारा शिवसेना के पार्टी प्रमुख व सीएम उध्दव ठाकरे के साथ संपर्क में रहने की बात कही थी. इस विषय को लेकर एकनाथ शिंदे का कहना रहा कि, उनके साथ गुवाहाटी में मौजूद सभी 50 विधायक पूरी तरह से राजी-खुशी में है और उनके गुट का कोई भी विधायक अब उध्दव ठाकरे गुट से हाथ नहीं मिलाने जा रहा. इसके साथ ही शिंदे ने यह भी कहा कि, अगर अनिल देसाई सच बोल रहे है, तो उन्हेें चाहिए कि, वे अपने संपर्क में रहनेवाले विधायकों के नाम उजागर करें.
 
* भाजपा के साथ युती का निर्णय आज ही लो
– शिंदे गुट ने सीएम ठाकरे को दिया एक दिन का अल्टीमेटम
उधर दूसरी ओर शिंदे गुट के प्रवक्ता व विधायक दीपक केसरकर ने कहा कि, महाराष्ट्र की जनता ने भाजपा-सेना युती के पक्ष में मतदान करते हुए युती को सरकार बनाने का जनादेश दिया था. लेकिन सत्ता और पद की लालसा में सेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे ने भाजपा के साथ युती तोडते हुए कांग्रेस व राकांपा के साथ अनैसर्गिक गठबंधन किया. जिसका खामियाजा अंतत: शिवसेना को ही भुगतना पडा. लेकिन अब भी कुछ नहीं बिगडा है. अत: शिवसेना को चाहिए कि, वह महाविकास आघाडी से बाहर आते हुए एक बार फिर भाजपा के साथ युती करने का निर्णय ले. हम सब कुछ भुलाकर एक बार फिर साथ आने के लिए तैयार है. इसके साथ ही शिंदे गुट ने भाजपा के साथ युती करने के संदर्भ में निर्णय लेने हेतु शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए आज के आज ही इस बारे में फैसला लेने हेतु कहा है. इस समय सीएम उध्दव ठाकरे को भाजपा के साथ युती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र के साथ चर्चा करने की सलाह देते हुए दीपक केसरकर ने बागी विधायकों को गद्दार कहनेवाले लोगों को भी जमकर आडे हाथ लिया. साथ ही कहा कि, जो हमें गद्दार कह रहे है, खुद उन्होंने महाराष्ट्र की जनता के साथ गद्दारी की है. अत: उन्हें हमें कुछ भी कहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. इसके अलावा दीपक केसरकर ने शिवसेना के प्रवक्ता व सांसद संजय राउत के इस्तीफे की भी मांग करते हुए कहा कि, अगर हम लोग गद्दार है, तो हमारे वोटों से राज्यसभा हेतु चुने गये संजय राउत को पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. अत: संजय राउत को चाहिए कि, वे अपनी राज्यसभा सदस्यता से इस्तीफा देकर दुबारा चुनाव लडे और चुनाव जीतकर दिखाये.

* बागी विधायक अपनी भूमिका पर पूरी तरह से अटल
– ‘काम फतेह’ किये बिना वापिस नहीं लौटने की बात दोहरायी
उधर गुवाहाटी में मौजूद बागी गुट के सभी विधायकों ने खुद को पूरी तरह से शिंदे गुट के साथ बताते हुए कहा कि, वे जिस काम के लिए मुंबई से निकले है, उसे पूरा किये बिना वापिस तो कतई नहीं लौटेंगे और उनकी वापसी इस बात का सबूत रहेगी कि, उनके द्वारा शुरू किया गया ‘ऑपरेशन’ पूरा हो चुका है.

* राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्य सचिव को लिखी चिठ्ठी
– सेना में बगावत के बाद करोडों रूपयों के कामों को लेकर जारी आदेशों की मांगी जानकारी
– तीन दिन में मंजूर किये गये हैं डेढ सौ से अधिक कामों के प्रस्ताव
इस बीच राज्य के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखते हुए सीएम उध्दव ठाकरे की सरकार द्वारा विगत तीन दिनों के दौरान किये गये निर्णयों की विस्तृत सिलसिलेवार जानकारी मांगी है. बता देंं कि, विगत सप्ताह शिवसेना में बगावत होने के साथ ही आघाडी सरकार पर अस्थिरता का संकट मंडराने लगा और इसी दौरान उपमुख्यंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार द्वारा करोडों रूपयों के विकास कामों को धडाधड मंजुरी दिये जाने की खबर सामने आयी. जिसमें पश्चिम महाराष्ट्र, विशेषकर पुणे व बारामती क्षेत्र में 100 से अधिक विकास कामों को मंजुरी दी गई. जिसे लेकर राज्य के प्रमुख विपक्षी दल भाजपा द्वारा आपत्ति दर्ज कराते हुए राज्यपाल से इसकी शिकायत की गई. जिसके उपरांत राज्यपाल ने इस संदर्भ में राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है.

* जो भी वापिस आना चाहता है, हमारे दरवाजे खुले हैं
– मंत्री व युवा सेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कहा,
– सेना में अब भी हो रही है ‘डैमेज कंट्रोल’ की कोशिशें
इसके साथ ही सीएम उध्दव ठाकरे के बेटे और राज्य के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने बागी विधायकोें से बगावत छोडकर वापिस चले आने का आवाहन करते हुए कहा कि, जो भी विधायक अब भी वापिस आना चाहते है, उनके लिए शिवसेना के सभी दरवाजे खुले हुए है. उल्लेखनीय है कि, विगत एक सप्ताह के दौरान शिवसेना की ओर से बागी विधायकों के लिए काफी कुछ कहा जा चुका है. जिसमें कई बार आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग भी जमकर हुआ. ऐसे में उध्दव ठाकरे व एकनाथ शिंदे गुट के बीच तलखियां व दूरी काफी हद तक बढ गई है. वही अब ठाकरे गुट की ओर से अपने सूर और तेवर को थोडा नर्म करते हुए एक तरह से ‘डैमेज कंट्रोल’ करने की कोशिश की जा रही है.

* शिंदे के साथ रहनेवाले 20 विधायक उध्दव ठाकरे के संपर्क में!
– सेना नेता अनिल देसाई का सनसनीखेज दावा
जहां एक ओर सेना नेताओं द्वारा बागी गुट के विधायकों को समझाने-बुझाने का प्रयास किया जा रहा है, वही दूसरी ओर सेना नेता अनिल देसाई ने एक बडा बयान जारी करते हुए कहा कि, गुवाहाटी के होटल में रखे गये सेना विधायकों में से 20 विधायक ऐसे है, जो सेना के पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के संपर्क में है और गुवाहाटी से निकलकर मुंबई वापिस आना चाहते है.

* झूठ बोल रहे हैं देसाई, दम है तो 20 विधायकों के नाम बताओ
सेना नेता अनिल देसाई द्वारा बागी गुट के 20 विधायक उध्दव ठाकरे के संपर्क में रहने के संदर्भ में किये गये दावे को पूरी तरह से झूठ बताते हुए बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि, अगर अनिल देसाई सच बोल रहे है, तो उन्हें चाहिए कि, वे उन 20 विधायकों के नामों की घोषणा करे. साथ ही शिंदे ने यह दावा भी किया कि, उनके साथ गुवाहाटी में मौजूद विधायकों में से कोई भी उध्दव ठाकरे गुट के संपर्क में नहीं है.

अगले 48 घंटों में मुंबई आ सकते हैं एकनाथ शिंदे
– राज्य में लगातार जारी है सियासी घमासान
इसी बीच पता चला है कि, गुवाहाटी से निकलकर दिल्ली रवाना होने की तैयारी करनेवाले एकनाथ शिंदे अगले 48 घंटों में मुंबई भी आ सकते है. इस खबर के सामने आते ही महाराष्ट्र में राजनीतिक हलचलें बेहद तेज हो गई है. बता दें कि, विगत करीब दस दिनों से जारी राजनीतिक घमासान के बीच आज पहली बार ही बागी गुट के नेता एकनाथ शिंदे ने गुवाहाटी स्थित होटल से बाहर आकर मीडिया के साथ बातचीत की और सीएम उध्दव ठाकरे को सीधी चुनौती भी देते हुए जल्द मुंबई आने की बात कही. ऐसे में अब उनके मुंबई पहुंचने का इंतजार किया जा रहा है. साथ ही माना जा रहा है कि, अगले 48 घंटे बेहद महत्वपूर्ण साबित होनेवाले है और इस दौरान राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी द्वारा कोई बडा फैसला भी लिया जा सकता है. जिसकी ओर सभी की निगाहें लगी हुई है.

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