शिंदे सरकार का अजीत पवार व आघाडी को झटका
13 हजार 340 करोड रूपयों की निधी रोकी गई
* आघाडी सरकार के कई आदेशों को किया गया स्थगित
मुंबई/दि.7- राज्य में शिंदे-फडणवीस सरकार के अस्तित्व में आते ही अब राजनीतिक गतिविधियां बडी तेज गति से घटित हो रही है. नई सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद अगले कुछ ही घंटों में मुंबई मेट्रो के आरे कारशेड और जलयुक्त शिवार के संदर्भ में नये निर्देश जारी किये है. वहीं महाविकास आघाडी सरकार द्वारा जारी कई आदेशों को स्थगिती देना शुरू कर दिया है. पूर्व मंत्री छगन भुजबल को धक्का देने के बाद अब शिंदे सरकार ने पूर्व उपमुख्यमंत्री व मौजूदा नेता प्रतिपक्ष अजीत पवार को भी जोरदार झटका दिया है. जिसके तहत अब तक अजीत पवार के अंतर्गत रहे विभागों की 13 हजार 340 करोड रूपयों की निधी को रोक दिया गया है.
बता दें कि, शिंदे गुट द्वारा बगावत किये जाने के बाद जैसे ही महाविकास आघाडी सरकार अस्थिर हुई, वैसे ही सरकार के अंतिम दिनों में उस समय उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री रहनेवाले अजीत पवार ने महज दो-तीन दिनोें के भीतर सैंकडों कामों के प्रस्ताव मंजुर करते हुए हजारों-करोड रूपयों की निधी वितरित करने को मान्यता दी. जिसे लेकर बागी गुट सहित भाजपा द्वारा उस समय भी अपनी आपत्ति दर्ज करायी गई थी. ध्यान दिलाया जा सकता है कि, महाविकास आघाडी की सरकार रहते समय सत्ता पक्ष, विशेषकर शिवसेना व कांग्रेस के विधायकों द्वारा निधी वितरण में अपने साथ पक्षपात होने का आरोप लगाया जाता था और बगावत करनेवाले सेना विधायकों ने अपनी बगावत के लिए इसे भी एक प्रमुख वजह बताया था. जिसे लेकर इससे पहले कई बार उध्दव ठाकरे व शरद पवार के पास शिकायत किये जाने की बात भी कही गई थी. वहीं अब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होते ही तत्कालीन मविआ सरकार द्वारा सन 2022-23 के लिए जिला विकास प्रकल्प अंतर्गत दी जानेवाली निधी को रोक दिया गया है. साथ ही यह भी तय किया गया है कि, जब तक सभी जिलों के लिए नये पालकमंत्रियों की नियुक्तियां नहीं हो जाती, तब तक यह निधी उपलब्ध नहीं कराया जायेगा.
ज्ञात रहे कि, महाविकास आघाडी सरकार में जिला विकास कार्यों का नियोजन विभाग तत्कालीन उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के अंतर्गत था और इस विभाग ने 36 जिलों के लिए 13 हजार 340 करोड रूपयों की निधी मंजुर की थी. जिसे अब रोक दिया गया है.