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शिवसेना और सीएम ठाकरे ने दिया धोखा

संभाजीराजे ने लगाया सनसनीखेज आरोप

* अपने स्वाभिमान के चलते अब राज्यसभा चुनाव नहीं लडने की बात कही
मुंबई/दि.27– राज्यसभा की उम्मीदवारी हासिल करने हेतु मैने इमानदारी के साथ प्रयास किये. लेकिन सीएम उध्दव ठाकरे और शिवसेना नेताओं ने अपने शब्दों का पालन नहीं किया. विगत कुछ दिनों से मेरी मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे सहित शिवसेना के मंत्रियों और एक सांसद के साथ चर्चा शुरू थी. अब दोनों पक्षों के सुझाव के बाद एक अब ग्राफ तैयार किया गया. जिसे देखकर ही मैं कोल्हापुर के लिए निकला था, लेकिन अचानक ही सबकुछ उलटा-पुलटा हो गया और शिवसेना की ओर से संजय पवार को उम्मीदवारी देने की बात सामने आयी. ऐसे में अब मैंने अपने स्वाभिमान के चलते राज्यसभा का चुनाव नहीं लडने का फैसला लिया है. ऐसी घोषणा संभाजीराजे छत्रपति द्वारा की गई है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, वे पहले की तरह स्वराज्य संगठन के जरिये समाज की सेवा करते रहेंगे.
राज्यसभा की उम्मीदवारी को लेकर घटित पूरे घटनाक्रम पर अपनी नाराजगी जताते हुए संभाजीराजे छत्रपति ने कहा कि, उन्होंने महाराष्ट्र के कोटे में रहनेवाली छठवीं सीट के लिए अपनी दावेदारी हेतु सभी दलों से समर्थन मांगा था. जिसके लिए वे मुंबई आये थे और उनकी दो बार शिवसेना के पार्टी प्रमुख व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के साथ चर्चा हुई. जिसमें उनसे शिवसेना में प्रवेश करने हेतु कहा गया. परंतू वे निर्दलीय के तौर पर ही चुनाव लडना चाहते थे. ऐसे में सीएम उध्दव ठाकरे ने उन्हें निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ही समर्थन देने की बात कही, लेकिन इसके बाद अचानक ही सीएम उध्दव ठाकरे अपने जुबान से पलट गये. संभाजीराजे ने यह भी बताया कि, उन्होंने अपनी ओर से शिवसेना को एक और प्रस्ताव दिया था. जिसमें उन्हें महाविकास आघाडी की ओर से शिवसेना पुरस्कृत उम्मीदवार बनाये जाने का निवेदन किया गया था. इसके लिए भी सीएम उध्दव ठाकरे तैयार हो गये थे और दो दिन बाद हुई बैठक में सभी सुझावों का समावेश करते हुए एक फाईनल ड्राफ्ट बनाया गया, जो आज भी उनके मोबाईल में सेव्ह है. लेकिन बैठक शुरू होते ही उनके सामने एक बार फिर शिवसेना में प्रवेश करने का मुद्दा रखा गया, लेकिन वे निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लडने की अपनी भूमिका पर अडे हुए थे. पश्चात वे जैसे ही इस बैठक से बाहर निकले, वैसे ही उनकी बजाय संजय पवार की दावेदारी को लेकर खबरें चलने लगी. जिसके बाद उन्होंने सीएम उध्दव ठाकरे को फोन किया. लेकिन दूसरी ओर से उन्हें कोई प्रतिसाद नहीं मिला. संभाजीराजे के मुताबिक ऐसा करते हुए शिवसेना ने उनके साथ सीधे तौर पर धोखेबाजी की है.

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