महाराष्ट्र

कांग्रेस के समर्थन में आई शिवसेना

‘सामना’ के जरिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर साधा निशाना

मुंबई /दि.४-तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की आलोचना करते हुए शिवसेना (Shiv Sena) ने शनिवार को कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति से अलग रखकर और इसके बगैर यूपीए के समानांतर विपक्षी गठबंधन बनाना सत्तारूढ़ बीजेपी और फासीवादी ताकतों को मजबूत करने के समान है. शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना (Saamana) में कहा कि जो लोग कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार नहीं चाहते हैं उन्हें अपना रूख सार्वजनिक करना चाहिए, न कि पीठ पीछे बातें करके भ्रम पैदा करना चाहिए.

साथ ही कहा कि जो लोग बीजेपी से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए तो ये रुख सबसे बड़ा खतरा है. अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी तो बीजेपी का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए. ममता बनर्जी के हाल में मुंबई दौरे के परिप्रेक्ष्य में शिवसेना ने ये टिप्पणी की है. मुंबई के अपने दौरे में ममता बनर्जी ने बयान दिया था कि अब यूपीए नहीं है.

डीप फ्रीजर में चली गई है कांग्रेस’

टीएमसी के मुखपत्र जागो बांगला ने शुक्रवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए कहा कि ये डीप फ्रीजर में चली गई है. जागो बांगला ने हाल में दावा किया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ममता बनर्जी चेहरा बनकर उभरी हैं, न कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी. शिवसेना ने कहा कि ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के बाद विपक्षी दल हरकत में आ गए हैं.

साथ ही कहा कि बीजेपी का मजबूत विकल्प बनाने पर सहमति बनी है, लेकिन इस पर चर्चा हो रही है कि किसे गठबंधन में साथ लिया जाए और किसे इससे दूर रखा जाए. लेकिन अगर सहमति नहीं है, तो किसी को भी बीजेपी से मुकाबला करने की बात नहीं करनी चाहिए. नेतृत्व मुख्य मुद्दा नहीं है, लेकिन कम से कम साथ आने पर निर्णय किया जाना चाहिए. शिवसेना ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी कांग्रेस को हराने के लिए काम करते हैं तो कोई भी इसे समझ सकता है, क्योंकि ये उनके एजेंडा का हिस्सा है. लेकिन जो लोग मोदी और बीजेपी के खिलाफ हैं और कांग्रेस के बारे में बुरा सोचते हैं तो ये सबसे बड़ा खतरा है.

ममता बनर्जी के मुंबई दौरे के दौरान शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे के साथ-साथ पार्टी सांसद संजय राउत से मुलाकात के कुछ ही दिनों बाद ये घटनाक्रम सामने आया है. ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि वो शिवसेना और एनसीपी के साथ संबंध बनाने की इच्छुक हैं. पिछले कुछ दिनों में ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के बाहर चुनाव लड़कर टीएमसी का विस्तार करने और कांग्रेस के बिना विपक्षी मोर्चा बनाने के अपने प्रयासों को तेज कर दिया है.

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