महाराष्ट्र

शिवसेना-राकांपा ने विधेयक को मौन समर्थन दिया

भाजपा विधायक शेलार का दावा

मुुंबई/दि.२२ – राज्यसभा मेें बहुमत न होने के बावजूद कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हैकि क्या शिवसेना-राकांपा ने विधेयक को मौन समर्थन दिया. भाजपा विधायक आशीष शेलार के एक ट्वीट से इन संभावनाओं को बल मिला है. शेलार में संसद में दोहरी भूमिका के लिए शिवसेना की आलोचना की. जबकि राकांपा प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याणमंत्री नवाब मलिक ने इन चर्चाओं को गलत बताते हुए खारिज किया है. पूर्व मंत्री शेलार ने सोमवार को ट्वीट कर कहा है कि शिवसेना ने सीएए के वक्त लोकसभा में यूटर्न लेते हुए विरोध किया था और कृषि संचालक का भी लोकसभा में समर्थन और राज्यसभा में सदन का वॉक आऊट किया है. महानगरपालिका से लेकर संसद तक शिवसेना की भूमिका सेम टू सेम है. जिस समय राज्यसभा में कृषि विधेयक पारित हुआ राकांपा अध्यक्ष व पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार सदन में मौजूद नहीं थे. इस बारे में राकांपा प्रवक्ता व राज्य के कैबिनेट मंत्री मलिक कहते हैं कि संसद भवन परिसर में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पवार अधिक उम्र के कारण वहां दिल्ली से मुंबई लौट आए थे. उन्होंने कहा कि यह हमारी पार्टी का फैसला था कि अधिक आयु वाले सभी नेता संसद की कार्रवाई में हिस्सा न ले. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत भी इस तरह की आशंका को यह कहते हुए खारिज करते है कि कृषि विधेयक पर हमारी पार्टी ने अपनी भूमिका पहले ही साफ कर दी थी.हमने विधेयक को लेकर सवाल उठाए थे. इस पर प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत कहते है कि संसदीय लोकतंत्र में सभी को अपने फैसले लेने का अधिकार है.

  • दबाव में आई राकांपा शिवसेना

दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि राकांपा अध्यक्ष पवार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में आ गए और शिवसेना ने भी उनका अनुसरण किया. सूत्रों के अनुसार राज्यसभा में कृषि विधेयक पारित होने से पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शिवसेना व राकांपा के वरिष्ठ नेताओं से फोन पर बात कर विधेयक का समर्थन करने की अपील की थी.

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