वोटरों को रिझाने के लिए शिवसेना का नया गुजराती पैंतरा
निगम चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज
मुंबई/दि.६ – राज्य में निगम चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मियां तेज हैं. मराठी मानुष का राग अलापने वाली शिवसेना अब गुजराती वोटरों को खुश करने में जुटी हुई है. ऐसे में वड़ा पाव से जलेबी और फाफड़ा तक जाने का मकसद भी साफ है. शिवसेना, देश की सबसे अमीर महानगरपालिका बृहन्मुंबई महानगरपालिका समेत 10 नगर पालिकाओं में अपना परचम लहराना चाहती है. शिवसेना के नेता हेमराज शाह ने गुजरातियों को पार्टी के पक्ष में लाने की कोशिश शुरू कर दी है.
शिवसेना के हेमराज शाह ने कहा, वोटरों को सभी अपने पक्ष में करना चाहते हैं, ऐसा अगर मुंबई में हो रहा है, तो इसमें क्या गलत है? मैं तो गुजराती भाई-बेन को याद दिलाना चाहता हूं कि मुंबई दंगों के दौरान बाला साहेब ठाकरे ने कई गुजरातियों की जान बचाने में मदद की थी. शाह के कार्यालय से जारी प्रेस रिलीज में लिखा है कि भाजपा की गुजराती लीडरशिप, अहंकारी और ओछी सोच वाली है. यह मराठी लीडरशिप को अवसर देना नहीं चाहती थी तो उद्धव ठाकरे ने उनसे सत्ता छीन ली. इस कारण से बीजेपी नेताओं में बेचैनी है.
उन्होंने लिखा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मुंबई को कोविड-19 के कहर से बचाया और सरकार राज्य में अच्छा काम कर रही है. यह बात बीजेपी को पच नहीं रही, इसलिए वह दावा कर रही है कि मुंबई नगर निगम से शिव सेना को हटा देगी. शाह ने कहा कि मुंबई महानगरपालिका शिवसेना के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न है, इसलिए मुंबई के गुजराती वोटरों को जागृत किया जा रहा है.
हेमराज शाह ने एक नारा भी दिया है मुंबई में जलेबी नी फाफड़ा, उद्धव ठाकरे आपड़ा यानी मुंबई में जलेबी और फाफड़ा (गुजराती नाश्ता), उद्धव ठाकरे हमारा.