प्रतिनिधि/दि.१८
नागपुर- कोरोना के अलावा गलवान घाटी की घटनाओं से देशवासियों में चीन के खिलाफ रोष बढ गया है. आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विविध स्तर पर तैयार किए जा रहे है. इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुडे विविध संगठनाओं ने भी कदम बढाना शुरु किया है. देशअंतर्गत उद्योगों को बढावा देने के लिए स्वदेशी को लेकर संघ परिवार जोर दे रही है. स्वदेशी के प्रसार के लिए डिजिटल जागरुकता पर भी जोर दिया जारहा है. स्वदेशी स्वालंबन अभियान के माध्यम से समाज के विविध स्तर पर जनजागृती की जा रही है. छोटे उद्योग व स्टार्टअप को समाज ने ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहन देना चाहिए यह भूमिका संघ परिवार ने रखी है. बता दे कि, स्वदेशी को बढावा देने के लिए संघ परिवार की ओर से हमेशा अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका रही है. लेकिन वैश्वीकरण के प्रभाव ने संघ परिवार पर अर्थव्यवस्था पर चीन की ओर से किए गए आक्रमण को तोडने में कामयाबी नहीं मिल पाएगी. सस्ते दरों में बिक्री के नाम पर चीन से आयत होने वाले अनेक वस्तुओं ने भारतीय बाजार को घेर लिया. डोकलाम में चीन की खुराफातों के बाद वर्ष २०१७ में संघ की ओर से चीन डे्रगन के खिलाफ देशभर में मुहित छेडी गई थी. सीमा पार खतरनाक साबित होने वाले चीन को आर्थिक रुप से झटका देने के लिए बीते मई माह से स्वदेशी स्वलंबन अभियान को गति दी गई.
आने वाले दिनो में विविध त्यौहारों की चहल-पहल शुरु होने वाली है. इस दौरान विदेशी व विशेष तौर पर चीनी वस्तुओं की भरमार बाजार में दिखायी देती है. लेकिन इन त्योहांरो के दौर में विदेशी सामानो को टालने के संदर्भ में संघ परिवार की ओर से जनजागृति की जा रही है. स्वदेशी जागरण मंच सहित संघ परिवार की विविध संगठनाओं का इसमें समावेश किया गया है.
कोरोना की वजह से प्रत्यक्ष घर-घर जाना टालते हुए डिजिटल प्लेटफार्म पर विशेष जोर दिया जा रहा है. स्वदेशी स्वालंबन अभियान के माध्यम से नागरिकों को स्वदेशी का उपयोग करने का आहवान किया जा रहा है. समाज के विविध मान्यवर व्यक्तियों के अलावा संगठन भी इसमें शामिल हुई है. यह जानकारी स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय विचार विभाग प्रमुख अजय पतकी ने दी है.