महाराष्ट्र

महाराष्ट्र में अबतक 7600 कैदियों को लगाई जा चुकी है वैक्सीन

एक्टिव केस की संख्या में भी आई गिरावट

मुंबई/दि.१३-  महाराष्ट्र की 46 जेलों में करीब 7600 कैदियों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली डोज दी गई है. महाराष्ट्र स्टेट प्रिजन डिपार्टमेंट, पुणे मुख्यालय अधिकारियों के मुताबिक कैदियों में कोविड -19 एक्टिव केस में भी गिरावट का ट्रेंड दिख रहा है. शनिवार को 45 एक्टिव केस थे जबकि मई के अंतिम सप्ताह में यह संख्या 170 थी. जेल विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कुल 7590 कैदियों को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी गई है, जिसमें 5573 विचाराधीन कैदी और 2017 सजा पाने वाले कैदी शामिल हैं. इनमें पूरे महाराष्ट्र की 46 छोटी और बड़ी जेलों के पुरुष और महिला दोनों कैदी शामिल हैं.

जमानत और पैरोल पर रिहा किया जा चुके हैं 1800 कैदी
मई के दूसरे सप्ताह में कैदियों के बढ़ते संक्रमण के मामलों और जेलों में संक्रमण के बढ़ते जोखिम के बीच प्रिजन डिपार्टमेंट ने जेलों में भीड़ कम करने के लिए अंतरिम जमानत पर विचाराधीन कैदियों और इमरजेंसी पैरोल पर कंविक्ट कैदियों को रिहा करने की प्रक्रिया फिर से शुरू की थी. यह प्रक्रिया सरकार द्वारा गठित हाई पावर कमेटी के निर्धारित दिशा-निर्देश के तहत शुरू हुई.
अब तक कुल 1800 कैदियों को जमानत और पैरोल पर रिहा किया जा चुका है. राज्य भर में जेलों की फिलहाल कुल 33,800 कैदी हैं. जिसमें जेलों के मुख्य परिसर और साथ ही कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए स्थापित 40 अस्थायी जेलों के कैदी शामिल हैं.

यरवदा सेंट्रल जेल के 711 कैदियों को लग चुकी वैक्सीन
शनिवार तक टीकाकरण के आंकड़ों के अनुसार, पुणे की यरवदा सेंट्रल जेल के 711 कैदियों को पहली डोज गई है. जबकि ठाणे सेंट्रल 509, कोल्हापुर सेंट्रल 403, नासिक सेंट्रल 643, अमरावती सेंट्रल 909 और आर्थर रोड जेल 410 में कैदियों को वैक्सीन लगाई गई है.

कोरोना संक्रमण से अबतक 13 कैदियों की मौत
पिछले साल महामारी शुरू होने के बाद से महाराष्ट्र की 47 जेल में से 44 ने कोविड संक्रमण की जानकरी दी है. शनिवार रात तक संक्रमित होने वाले कैदियों के कुल मामलों की संख्या 4098 थी, जिनमें से 4040 ठीक हो चुके हैं और 13 मौत हुई है. एक्टिव केस की संख्या 45 है. ये एक्टिव केस 46 में से 16 जेलों के हैं. दूसरी जेलों में एक्टिव केस नहीं हैं. यदि इस डेटा की तुलना मई के अंतिम सप्ताह के डेटा से की जाए तो राज्य भर में तब कैदियों में 172 एक्टिव केस थे और संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4029 थी.

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