जलगांव प्रतिनिधि/दि. १० – कोरोना काल में पिछले तीन माह से वेतन न मिलने के कारण कल सोमवार के दिन जिले के कुसुंबा निवासी राज्य परिवहन महामंडल के एक कर्मचारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. कर्मचारी ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाईड नोट में उसकी मौत के लिए महामंडल की कार्यपध्दति और मराठी व्यक्ति के ठाकरे सरकार जिम्मेदार होने का आरोप लगाया है, ऐसा पत्र परिवार के सदस्यों ने पुलिस के हवाले किया. मनोज चौधरी (४०, कुसुंबा) यह फांसी लगाकर आत्महत्या करने वाले एसटी महामंडल के कर्मचारी का नाम है. महामंडल के कर्मचारियों को वेतन न मिलने के कारण उनका बुरा हाल हो रहा है. उनके परिवार को विभिन्न समस्याओं से जुझना पड रहा है, इस समस्या से परेशान होकर जलगांव डीपो में वाहक के रुप में कार्यरत चौधरी ने सोमवार की सुबह अपने घर में खूद को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. चौधरी ने आत्महत्या से पहले सुसाईड नोट लिख रखा था. वह पत्र परिवार के सदस्यों ने पुलिस को सौंपा. एसटी महामंडल के कम वेतन और नियमित वेतन न मिलने के कारण परेशान होकर आत्महत्या कर रहा है, इसके लिए एसटी महामंडल की कार्यपध्दति और अपने मराठी व्यक्ति ठाकरे सरकार (शिवसेना) जिम्मेदार है. मेरे घर के सदस्यों का इससे कोई संबंध नहीं, संगठना मेरा पीएफ और एलआईसी मेरे परिवार को दिलाने का प्रयास करे, ऐसा उल्लेख सुसाईड नोट में किया है.यह मामला एमआईडीसी पुलिस थाने में दर्ज किया गया है. चौधरी के पश्चात माता, पिता, पत्नी, दो बच्चे, भाई है. पूर्व मंत्री विधायक गिरीष महाजन, भाजपा के जिलाध्यक्ष विधायक राजू मामा भोले समेत अन्य नेताओं ने जिला अस्पताल में जाकर चौधरी के परिवार को सांत्वना दी.
तीन तिगाडा काम बिगाडा सरकार है
राज्य सरकार का काम रामभरोसे शुरु है. कोई भी संवेदना उनमें रही नहीं. सरकार की संवेदना समाप्त हो गई है. सरकार नाकाम साबित हो रही है, तीन तिगाडा काम बिगाडा सरकार है, इस सरकार को हकीकत में कौन चलाता है, यह समझने के लिए कोई रास्ता नहीं बचा.
– विधायक गिरीष महाजन भाजपा नेता