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एसटी कर्मियों की हडताल खत्म, 6500 रुपयों की सीधी वेतन वृद्धि

दो दिन की हडताल से राज्य में एसटी को लगा 37 करोड का फटका

* अमरावती विभाग में हुआ 28 लाख का नुकसान, 365 फेरिया हुई रद्द
* विभाग में 426 कर्मी रहे हडताल मेें शामिल, यात्रियों को हुई दिक्कते
अमरावती /दि.5- वेतन वृद्धि सहित अपनी विविध मांगों को लेकर ऐन गणेशोत्सव पर्व के मुहाने पर रापनि कर्मचारियों द्वारा शुरु की गई बेमियादी हडताल को आखिरकार सीएम एकनाथ शिंदे के साथ हुई चर्चा के बाद बुधवार की रात खत्म करने का निर्णय लिया गया. कर्मचारी कृति समिति के साथ हुई बैठक में सीएम शिंदे ने 1 अप्रैल 2020 से सीधे तौर पर 6 हजार 500 रुपए की वेतनवृद्धि देने का निर्णय लिया. जिसके बाद कृति समिति द्वारा दो दिन चली हडताल को खत्म करने की घोषणा की गई. हालांकि इस दौरान इस हडताल के चलते समूचे राज्य में एसटी बसों की 27 हजार 470 फेरियां रद्द हुई. जिसके चलत एसटी महामंडल को दो दिनों में ही 37 करोड रुपयों का नुकसान हुआ. इस दौरान रापनि के अमरावती विभाग में 426 कर्मियों के हडताल पर रहने के चलते एसटी बसों की 365 फेरियां रद्द हुई. जिसकी वजह से अमरावती विभाग में रापनि को 28 लाख रुपयों का घाटा हुआ.
विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दो दिनों के दौरान रापनि बसों की फेरियों का नियोजन पूरी तरह से गडबडाया रहा. इसके चलते यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक यात्रा करने हेतु काफी तकलीफों का सामना करना पडा. हालांकि इस हडताल के दौरान बडनेरा, मोर्शी, चांदूर बाजार व परतवाडा के रापनि आगारों से एसटी बसों की तमाम फेरियां अपने पूर्व नियोजित शेड्यूल के अनुसार चलती रही. वहीं वरुड व दर्यापुर के आगारों से 50 फीसद बसे छूटी. परंतु अमरावती के मध्यवर्ती बस स्थानक सहित चांदूर रेल्वे के आगार से एक भी बस नहीं चली. इन दोनों आगारों के कर्मचारियों द्वारा इस हडताल में शत-प्रतिशत हिस्सा लिया गया था. ऐसे में इन दोनों आगारों पर यात्रियों को अच्छी-खासी तकलीफों का सामना करना पडा तथा अन्य आगारों से आने वाली बसों में चढने हेतु पहले से खडी भीड को देखकर अच्छे अच्छे लोगों के पसीने छूट गये. साथ ही नौकरीपेशा लोगों व छात्र-छात्राओं को समय पर अपने कार्यालय तथा स्कूल व कॉलेज में पहुंचने हेतु विलंब भी हुआ. साथ ही कई लोगों ने ज्यादा पैसे अदा करते हुए निजी वाहनों से यात्रा करने में अपनी भलाई समझी.
बता दें कि, राज्य सहित कृति समिति द्वारा आव्हानित की गई इस हडताल में एसटी कष्टकरी जनसंघ ने प्रत्यक्ष हिस्सा नहीं लिया था. बल्कि इसे धरना आंदोलन मानते हए इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया था और इस संगठन के सदस्य रहने वाले एसटी कर्मचारी इन दोनों दिनों के दौरान अपनी-अपनी ड्यूटी पर हाजिर थे. जिसके चलते कई बस आगारों से एसटी बसों की फेरियां चलती रही. वहीं 426 कर्मचारियों के हडताल पर रहने के चलते कई आगारों में बसों की फेरियों का नियोजन गडबडाया रहा. जिसकी वजह से एसटी महामंडल को अमरावती विभाग सहित पूरे राज्य में दो दिन चली हडताल की वजह से करोडों रुपयों का नुकसान उठाना पडा. वहीं बुधवार की शाम कृति समिति के पदाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने चर्चा की और वेतनवृद्धि की मांग को मंजूर किया. जिसके बाद इस हडताल को खत्म करने का निर्णय हुआ. ऐसे में आज सुबह से समूचे राज्य में एसटी बसों की फेरियां पहले की तरह नियमित तौर पर चलनी शुरु हुई.

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