महाराष्ट्र

शुरू करें मुंबई लोकल या मुंबईकरों को दें 5000 रुपए यात्रा भत्ता’

ठाकरे सरकार से BJP की मांग

मुंबई/दि. 12 – ठाकरे सरकार आम यात्रियों के लिए मुंबई लोकल शुरू करे. अगर ऐसा नहीं कर सकती तो ऐसे हर मुंबईकर के लिए महीने में 5000 रुपए यात्रा खर्च दे. भाजपा की ओर से यह मांग की गई है. साथ ही भाजपा ने ठाकरे सरकार पर यह भी आरोप लगाया है कि जब से कोरोना काल आया है, आम लोगों की मदद के लिए एक रुपए की भी मदद नहीं की गई है. एक भी आर्थिक पैकेज नहीं लाया गया है.
भाजपा का कहना है कि केंद्र सरकार मुंबईकरों के लिए लोकल शुरू करने को लेकर तैयार है. कम से कम ऐसे लोगों को लोकल में जाने की अनुमति दी जाए जिन्होंने वैक्सीन के दोनों डोज या एक डोज ले लिए हैं. पिछले साल से आम यात्रियों के लिए मुंबई लोकल सेवा बंद है. अत्यावश्यक सेवाओं से जुड़े कर्मचारियों को छोड़ कर किसी को भी लोकल में जाने की अनुमति नहीं दी गई है. प्राइवेट गाड़ी चलाने वालों से सरकार की कोई सांठगांठ तो नहीं है ना? इसमें भी कमीशन और वसूली तो नहीं ली जा रही है ना ? इसमें भी कोई सचिन वाजे शामिल नहीं है ना? ऐसा सवाल करते हुए भाजपा प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने ठाकरे सरकार को निशाने पर लिया.

आज पत्रकार परिषद आयोजित कर के केशव उपाध्ये ने कहा कि सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए टेंडर मंगवाए थे. फेसबुक लाइव करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घोषणा की थी कि वे 12 करोड़ डोज खरीदने के लिए एक साथ चेक देने को तैयार हैं. फ्री में वैक्सीन देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके ये पैसे बचा दिए. इस तरह से राज्य सरकार के जो पैसे बच गए हैं, आम यात्रियों को वे यात्रा भत्ते के तौर पर बांटे जाएं या फिर मुंबई लोकल उनके लिए शुरू की जाए. केंद्र सरकार की तो मुंबई लोकल शुरू करने की तैयारी है. कम से कम वैक्सीन के दोनों डोज ले चुके या एक डोज ले चुके लोगों के लिए मुंबई लोकल शुरू करने पर राज्य सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे. लोकल में आम यात्रियों को जाने दें या फिर मुंबईकरों को हर महीने 5000 रुपए यात्रा भत्ता के तौर पर दिए जाएं.
भाजपा प्रवक्ता ने आगे कहा कि आम यात्रियों के लिए बस और टैक्सी का खर्च उठाना बेहद मुश्किल है. मुंबई लोकल ही यात्रा का सबसे सरल, सुविधाजनक और सस्ती सेवा है. जो मुंबईकर अपने काम पर जाने के लिए यात्रा करते हैं, उनका रिकॉर्ड आसानी से हासिल किया जा सकता है. वे जिस कंपनी में काम करते हैं, वहां उनका रिकॉर्ड रखा जाता है. इसके लिए राज्य सरकार को थोडी मेहनत करनी चाहिए. ठाकरे सरकार ने दावा किया है कि लॉकडाउन काल में कई रिक्शा चालकों को आर्थिक मदद के पैकेज दिए गए हैं. ऐसे कितने लोगों को आर्थिक पैकेज मिले हैं, सरकार इसकी जानकारी दे. देश का यह अकेला ऐसा राज्य है जहां सरकार ने कोविड काल में मदद के नाम पर गरीबों को एक भी आर्थिक पैकेज नहीं दिया.

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