मुंबई/दि.17– महायुति सरकार ने महाराष्ट्र स्टैम्प अधिनियम 1958 में संशोधन के लिए एक अध्यादेश जारी किया है. जिसमें हफलनामों, समझौतों और संबंधित दस्तावेजों पर स्टैम्प शुल्क को वर्तमान 100 रुपए से बढाकर 500 रुपए करने का प्रस्ताव है. इसके साथ ही शेयर पूंजी पर स्टैम्प शुल्क 50 लाख रुपए से बढाकर एक करोड रुपए कर दिया गया है. राजस्व विभाग के अनुसार, महाराष्ट्र स्टैम्प अधिनियम में संशोधन में स्टैम्प शुल्क और पंजीकरण से राजस्व में लगभग दो हजार करोड रुपए तक की दृद्धि होगी. संशोधन कर्नाटक की तर्ज पर प्रस्तावित किया गया है. अध्यादेश सोमवार से लागू हो गया है.
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने 30 सितंबर को हुई बैठक में संशोधनों को मंजूरी दी थी. कैबिनेट को सौंपे गए राज्य राजस्व विभाग के नोट में कहा गया है, विभिन्न अनुच्छेदों के तहत शुल्क लगाने की क्षमता को सरल बनाने के लिए महाराष्ट्र स्टैम्प अधिनियम की अनुसूची में संशोधन किया गया है और सामान्य तौर पर जहां भी 100 रुपए का प्रावधान है, उसे 500 रुपए से प्रतिस्थापित किया गया है. अनुच्छेद 4 में न्यूनतम 500 रुपए का स्टैम्प शुल्क लगाने के लिए संशोधन किया गया है. सरकारी या अर्ध सरकारी निकायों को इस अनुच्छेद के दायरे में लाने से पहले हलफनामा तैयार किया जाना चाहिए. अनुच्छेद 10 में स्टैम्प शुल्क की दर और शेयर पूंजी पर अधिकतम सीमा और बढी हुई शेयर पूंजी बढाने के लिए संशोधन किया गया है. इसके अलावा, साझेदारी के साधन पर न्यूनतम स्टैम्प ड्यूटी 500 रुपए और अधिकतम 50 हजार रुपए में बदलाव लाने के लिए अनुच्छेद 47 में संशोधन किया गया और साझेदारी के विघटन के मामले में 500 रुपए की स्टैम्प ड्यूटी में बदलाव किया गया. सामान्य संशोधन की तर्ज पर अनुच्छेद 52 और 58 में संशोधन किया गया. ताकि 200 रुपए के स्थान पर 500 रुपए की स्टैम्प ड्यूटी लगाई जा सके.