मुंबई/दि.3 – जमीन अधिनियम के अनुसार पटवारी कार्यालय में 21 प्रकार के नमूने दिये जाते हैं. अब राज्य सरकार ने राजस्व विभाग के 7/12 प्रमाणपत्रों में कुछ फेरबदल किये हैं. इस संबंध का सरकारी आदेश 2 सितंबर 2020 में पारित किया गया है. 11 नये बदलाव करते हुए सरकार ने सुधारित 7/12 प्रमाण पत्रों को मान्यता दी है, जिसके अनुसार गांव नमूना 7 में 11 बदलाव किये गये हैं. गांव नमूना 7 में गांव के नाम के साथ ही गांव के कोड का उल्लेख किया गया है. किसी किसान का बुआई क्षेत्र और उपखराब क्षेत्र स्वतंत्र दिखाकर वह कुल क्षेत्र दर्ज किया जाएगा. खेती क्षेत्र के लिये हेक्टर आर चौरस मीटर एकग का उपयोग किया जायेगा. बगैर खेती क्षेत्र के लिये आर चौरस मीटर एकक उपयोग में लाया जाएगा. इससे पहले किसानों के खाता नंबर का पंजीयन किया जाता था. लेकिन अब नये नियमों के तहत खातेदारों का नाम सामने रखा जायेगा. खाताधारक के निधन के बाद उसके वारिसदार का नाम चढ़ाया जाता था. इसके अलावा कर्ज का बोझ भी उस खातेधारक के नाम के सामने ब्रैकेट में उल्लेखित किया जाता था, लेकिन अब नये नियम के तहत मृतक खाताधारक के नाम का उल्लेख नष्ट किया गया है.
स्वतंत्र रुप से प्रलंबित फेरफार दर्ज किये जायेंगे. गांव नमूना 7 में इससे पहले सभी पुराने फेरफार प्रमाण बदल दिये गये हैं. पुराने फेरफार क्रमांक को नये रकानो मेंं एक साथ दर्शाया गया है. समूह नंबर 1 रहने और दो खाताधारक रहने पर उन खाताधारकों के लगातार नाम रहने से नामों में गड़बड़ी हो रही थी. जिसमें दुरुस्ती करते हुए दो खाताधारकों के नामों में मोटी लकीर निकाली गई है ताकि खाताधारकों के नाम स्पष्ट रुप से दिखेंगे. बगैर खेती 7/12 के लिये सबसे आखिर में क्षेत्र और कृषक क्षेत्र में रुपांतरित होने से इस क्षेत्र के लिये गांव नमूना नं. 12 की आवश्यकता नहीं रहने की सूचना दी गई है.