महाराष्ट्र

निशांत अग्रवाल के आजीवन कारावास की सजा स्थगित करने राज्य सरकार का विरोध

हाईकोर्ट में सुनवाई पूर्ण : शुक्रवार को होगा फैसला

नागपुर/दि.22-पाकिस्तान के लिए जासूसी कर देश की अखंडता को नुकसान पहुंचाने वाले देशद्रोही अभियंता निशांत प्रदीपकुमार अग्रवाल (27) की आजीवन कारावास की सजा को अंतरिम स्थगनादेश देने पर राज्य सरकार ने बुधवार को जमकर विरोध किया और अग्रवाल द्बारा किए गये आवेदन को खारिज किए जाने की मांग की. निशांत अग्रवाल ने अपनी आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने अपील दाखल की थी. अपील का निर्णय आने तक सजा स्थगित और बेल मिलने के लिए आवेदन किया था. जिस पर बुधवार को न्यायाधीश विनय जोशी व वृषाली जोशी के समक्ष सुनवाई हुई.
सरकारी वकील एड. अनूप बदर ने विविध मुद्दों पर न्यायालय का ध्यान आकर्षित करवाया और कहा कि अग्रवाल का आवेदन गुणवत्ताहीन है. वरिष्ठ अधिवक्ता एड सिध्दार्थ दवे ने निशांत अग्रवाल की ओर से पैरवी की. इसके पश्चात न्यायालय ने निशांत अग्रवाल के आवेदन को लेकर न्यायालय ने निर्णय सुरक्षित रखा. शुक्रवार को इस मामले में निर्णय दिया जायेगा. निशांत अग्रवाल नेहरू नगर रूडकी जि. हरिद्बार (उत्तराखंड) का रहनेवाला है और भारत तथा रशिया के संयुक्त उपक्रम ब्रम्होस एयरोस्पेस कंपनी नागपुर में सिस्टीम इंजीनियर पद पर कार्यरत था और उज्वल नगर में किराए के मकान में रहता था. पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में उसे 3 जून को सूचना तकनीक कानून की कलम 66-एफ अंतर्गत आजीवन कारावास शासकीय गोपनीय कानून की कलम 3 (1), (सी) अंतर्गत 14 साल सश्रम कारावास की सजा व कलम 5 (1)(ए) (बी) (सी) (बी) कलम 5 (3) अंतर्गत 3 साल सश्रम कारावास 3 हजार रूपए दंड की सजा सुनाई गई थी.

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