क्षिप्रा डाखोडे के ‘अंतर्नाद’ को राज्यस्तरीय वाड्मय पुरस्कार
नागपुर के साहित्य विहार संस्था का आयोजन
नागपुर /दि.5– नागपुर के साहित्य विहार संस्था का राज्यस्तरीय पुरस्कार वितरण समारोह हाल ही में संपन्न हुआ. इस अवसर पर पुणे की क्षिप्रा डाखोडे-देशमुख को उनके ‘अंतर्नाद’ लेखन के लिए सम्मानित किया गया.
साहित्य विहार संस्था का यह 14 वां वर्ष है. विविध साहित्य प्रकार के लिए राज्य के कुल 25 साहित्यिकों को उनके साहित्य कृति के लिए सम्मानित किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता अमरावती के रायसोनी विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे ने की. नागपुर के विदर्भ साहित्य संघ के अध्यक्ष प्रदीप दाते सहित साहित्य विहार की संस्थाध्यक्ष आशा पांडे प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थी. गजल, कविता, कादंबरी, वैचारिक लेख संग्रह, नाटक, कथा संग्रह, कुमार साहित्य, ललित लेखन आदि सहित्य के लेखकों को इस अवसर पर सम्मानित किया गया. ‘अंतर्नाद’ विषय बोलते समय परंपरा और आधुनिकता का मेल रखने का काम अब साहित्यिको को करना पडेगा, ऐसी अपेक्षा कुलगुरु डॉ. देशपांडे ने व्यक्त की. साहित्य के तरफ जाने के लिए भाषा की गंभीरता, प्रदेश की गंभीरता लगती है. क्षिप्रा देशमुख के लेखन में यह बात दिखाई देती है. अनेक बार सामने जो घटित होता है, उसे देखकर अपने दिल में बेचैनी निर्माण होती है. उस समय जो भावना रहती है, उसे कोलाज कहा गया है और उसी को ‘अंतर्नाद’ कहते है. ऐसा भी डॉ. देशपांडे ने कहा. कार्यक्रम का संचालन संस्था के सचिव मंदा खंडारे ने तथा प्रास्ताविक सुजाता काले ने किया.