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राज्य के विद्यार्थियों ने कौशल्य को दिखाई पीठ

केंद्र के ऑनलाईन पाठ्यक्रम को महाराष्ट्र से अत्यल्प प्रतिसाद

मुंबई/दि.16– देश के युवाओें को कौशल्य प्रदान करनेवाले सैंकडों पाठ्यक्रम केंद्र सरकार द्वारा ‘स्वयं-मुक्त ऑनलाईन शिक्षा’ के जरिये तय किये गये है, लेकिन इसके बावजूद इसे महाराष्ट्र के विद्यार्थियों की ओर से बेहद कम प्रतिसाद मिला है. यानी महाराष्ट्र के विद्यार्थियों ने कौशल्य प्राप्त करने को एक तरह से पीठ दिखा दी है.
बता दें कि, कौशल्य विकास को गतिमान करने के साथ ही दुरूस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों को विकास की मुख्यधारा में लाने हेतु इन पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है. विद्यापीठ अनुदान आयोग (युजीसी) द्वारा जुलाई 2021 तक के शैक्षणिक सत्र की रिपोर्ट तैयार की गई है. जिसके अनुसार महाराष्ट्र से केवल 888 विद्यार्थियों ने ही कौशल्य आधारित ऑनलाईन शिक्षा का लाभ लिया है. ऐसी जानकारी सामने आयी है. इस ऑनलाईन शिक्षा में 82 पदवी व 42 पदव्युत्तर अव्यवसायिक पाठ्यक्रमों का समावेश है और विविध महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों द्वारा भी इन पाठ्यक्रमों का लाभ लिया जा सकता है और ऐसे विद्यार्थियों की नियमित पदवी पर उनके द्वारा ऑनलाईन पाठ्यक्रम पूर्ण करने का उल्लेख भी रहता है. साथ ही पदवी में ऑनलाईन पाठ्यक्रम में ‘क्रेडिट अंक’ भी दिये जाते है. ऐसे में नियमित पाठ्यक्रम के साथ कौशल्य विकास की शिक्षा प्राप्त विद्यार्थियों को नौकरी मिलने में आसानी होती है. लेकिन इसके बावजूद भी महाराष्ट्र राज्य के विद्यार्थियों द्वारा इन पाठ्यक्रमों को अपनी पीठ दिखाई गई है.

* क्या है उद्देश्य
केंद्र सरकार ने वर्ष 2017 में ‘स्वयं-मुक्त ऑनलाईन शिक्षा’ अभियान शुरू किया, ताकि कौशल्य विकास को गति मिलने के साथ ही दुरस्थ क्षेत्रोें में रहनेवाले विद्यार्थियों को ऑनलाईन शिक्षा के माध्यम से अपनी पढाई-लिखाई पूर्ण करने का अवसर प्राप्त हो. इसी उद्देश्य को सामने रखते हुए यह योजना शुरू की गई थी.
 
* महाराष्ट्र से बेहद कम प्रतिसाद
विद्यापीठ अनुदान आयोग ने जुलाई 2021 के शैक्षणिक सत्र की रिपोर्ट हाल ही में घोषित की. जिसके अनुसार ऑनलाईन पाठ्यक्रमोें का चयन करते हुए परीक्षा देनेवालों में राज्य के गिने-चुने विद्यार्थियों का ही समावेश रहने की बात सामने आयी. बेहद कम शुल्क रहनेवाले इन पाठ्यक्रमों का लाभ पूरे महाराष्ट्र राज्य में एक हजार से भी कम छात्र-छात्राओं द्वारा लिया गया. जिसका सीधा मतलब है कि, कौशल्य विकास करने की ओर महाराष्ट्र राज्य के विद्यार्थियों द्वारा अपनी पीठ दिखा दी गई है.

* कौन-कौन से है पाठ्यक्रम
विविध कौशल्य विकास कार्यक्रमों में जैविक खेती, आदरातिथ्य व्यवस्थापन, छायाचित्रण, चित्रकला, जीआयएस एन्ड रिमोट सेम्सींग अनुवाद, अंग्रेजी संभाषण, फैशन एन्ड टेक्सटाईल, पर्यटन व्यवस्थापन, अभिनय तथा योग आदि विषयों का समावेश है.

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