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बीएच वाहन रजिस्ट्रेशन को लेकर राज्य के परिवहन आयुक्त का सर्कुलर रद्द

अदालत ने बतायाः कानूनी अधिकार क्षेत्र के बिना जारी किया गया जीआर

मुंबई/दि.22– बॉम्बे हाई कोर्ट ने भारत सीरीज (बीएच) के तहत वाहनों के पंजीकरण के लिए आवेदनों पर निर्णय लेते समय कुछ शर्ते लगाने वाले राज्य के परिवहन आयुक्त व्दारा जारी एक परिपत्र को रद्द कर दिया है. न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी और न्यायमूर्ति फिरदोश पूनीवाला की खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि परिपत्र बिना किसी अधिकारी के जारी किया गया था और इसलिए, त्रुटिपूर्ण और अवैध है. खंडपीठ महेन्द्र पाटील की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उन्होनें राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय में अपना आधिकारिक पहचान पत्र प्रस्तुत कर केंद्रिय मोटर वाहन अधिनियम में उल्लिखित आवश्यकताओं को पूरा करते हुए भारत सीरीज में कार के पंजीकरण का अनुरोध किया था. जिसे अस्वीकार कर दिया गया था. इस निर्णय को याचिका के जरिए हाईकोर्ट मं चुनौती दी गई थी. अपने फैसले में खंडपीठ ने कहा कि परिपत्र बिना ुकिसी अधिकार के जारी किया गया था. इसलिए गलत और अवैध है.

लगाई गई शर्तो को बताया अवैध-
भारत सरकार ने 2021 में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वाहनों के सुविधाजनक हस्तांतरण के लिए बीएच श्रृंखला की शुरुआत की थी. परिवहन आयुक्त ने एक परिपत्र के तहत यह शर्त लगाई थी कि कोई भी सरकारी कर्मचारी जो बीएच श्रृंखला का पंजीकरण चाहता है, उसे अधिकारिक पहचान पत्र के अलावा, एक प्रमाण पत्र और देना होगा, जिसमें दिखाया गया हो कि उनके विभाग के अन्य राज्यों में कार्यालय है और सेवा अवधि के दौरान उन्हें इन राज्यों की यात्रा करना पडी है. अदालत ने कहा कि परिवहन आयुक्त के पास ऐसी सीमाओं को लागू करने का अधिकार नहीं है. अदालत ने आदेश दिया है कि सर्कुलर को रद्द किया जाए और पाटील के वाहन को एक सप्ताह के भीतर बीएच सीरीज के तहत पंजीकृत किया जाए.

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