तेंदुओं की संख्या को कम करने नसबंदी ही एक उपाय
वन मंत्री नाईक ने कहा-केंद्र को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा प्रस्ताव
मुंबई/दि.15– मुंबई के आरे, पुणे के जुन्नर, आंबेगाव समेत राज्य के कई इलाकों में तेंदुओं के बढते हमले से लोगों की हो रही मौत की घटनाओं के बाद राज्य सरकार हरकत में आई गई है. सरकार तेंदुओं की नसबंदी करेगी. मंगलवार को मंत्रालय में राज्य के वन मंत्री गणेश नाईक ने यह जानकारी दी. नाईक ने कहा कि तेंदुए का हमला बडी समस्या बनती जा रही है. इसलिए तेंदुओं की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी ही एक उपाय है.
नाईक ने कहा कि मुझे निर्दलीय विधायक सत्यजीत तांबे ने भी तेंदुओं की नसबंदी करने की मांग के संबंध में पत्र दिया है. इसलिए मैं अब केंद्र सरकार से तेंदुओं की नसबंदी संबंधी मंजूरी के लिए पत्र लिखूंगा. यदि आश्यकता हुई तो मैं केंद्रीय पर्यवरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात भी करूंगा. नाईक ने कहा कि बीते 15 से 20 साल में पुणे के जुन्नर, आंबेगाव जैसी तहसीलों में नए बांध काफी बने हैं. इससे पानी पर्याप्त उपलब्ध होने से गन्ने की काफी खेती होती है. गन्ना कटाई बाद अधिवास के लिए जगह नहीं मिलती है. इसलिए पुणे से लेकर ठाणे जिले की अलग-अलग तहसीलों के गांवों तक आ रहे हैं. नाईक ने कहा कि तेंदूएं और बाघ जैसे वन्य प्राणी बफर जोन को छोडकर गांवों और शहरों में न आ सके. इसके लिए मैंने वन विभाग के अधिकारियों को ब्रिटिश काल में की गई उपाय योजना के बारे में अध्ययन करने के निर्देश दिए हैं. नाईक ने कहा कि जंगल के बफर जोन में विभिन्न प्रकार के पेड लगाए जाएंगे. इससे शाकाहारी प्राणियों को खाद्य पदार्थ उपलब्ध हो सकेगा. साथ ही मांसाहारी प्राणियों को भी खाद्य उपलब्ध हो सकेगा.
बाघ की मौत जांच रिपोर्ट मिलने पर होगी कार्रवाई
वन मंत्री नाईक ने कहा कि नागपुर के गोरेवाडा प्राणी संग्रहालय में 20 और 23 दिसंबर 2024 को 3 बाघ और एक तेंदुएं की मौत चिकन खाने से हुई है. इस घटना के बारे में चिकित्सकीय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ निलंबन अथवा बर्खास्त करने कार्रवाई की जाएगी. नाईक ने बताया कि साल 2023-24 में 26 बाघों की मौत हुई है. जबकि 2024-25 में अभी तक 13 बाघों की मृत्यु हुई है.