राज्य की 14 हजार शालाओं को बंद करने की कार्रवाई रोको
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने उठाई मांग
* भाजपा पर लगाया ग्रामीण बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने का आरोप
मुंबई/दि.13- राज्य की 14 हजार शालाओं को कम पटसंख्या के नाम पर बंद करने की कार्रवाई राज्य सरकार द्वारा की जा रही है. ये सभी शालाएं दुर्गम व अतिदुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों एवं आदिवासी बस्तियों में है और जिला परिषद द्वारा चलाई जानेवाली इन शालाओं में गरीब व सर्वसामान्य परिवारों के साथ ही किसानों व मजदूर परिवारों के बच्चे पढाई करते है. यदि इन शालाओं को बंद किया जाता है, तो यह सभी बच्चे पढाई से वंचित हो जायेंगे. अत: शालाओं को बंद करने की कार्रवाई तत्काल रोकी जानी चाहिए. इस आशय की मांग महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेेटी के अध्यक्ष नाना पटोले द्वारा की गई है.
इस संदर्भ में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नाम लिखे गये पत्र में नाना पटोले ने कहा कि, महाराष्ट्र को समूचे देश में शैक्षणिक रूप से अग्रणी व प्रगतिशिल राज्य माना जाता है और यहां के विविध नामांकित शिक्षा संस्थाओं में लाखों विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते है. जिसकी नीव प्राथमिक शिक्षा को कहा जा सकता है. परंतु राज्य सरकार द्वारा राज्य के बच्चों को प्राथमिक शिक्षा से ही वंचित करने का काम किया जा रहा है. जिसका समर्थन नहीं किया जा सकता. यदि कम पटसंख्या के नाम पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित शालाओं को बंद कर दिया जाता है, तो उन शालाओं में पढनेवाले बच्चे अपनी पढाई-लिखाई के लिए कहां जायेंगे. इस बात का भी विचार किया जाना चाहिए. अन्यथा समाज का एक बडा वर्ग शिक्षा से वंचित रह जायेगा. जिसके भविष्य में दुष्परिणाम सामने आयेंगे. अत: फायदे व नुकसान का विचार किये बिना सरकार ने हर गांव और बस्ती में सरकारी स्कूल खोलने पर काम करना चाहिए.