महाराष्ट्र

छात्रों के स्वास्थ्य पर अनदेखी पड़ेगी भारी!

स्कूलों के लिए एडवायझरी, प्रतिबंधक नियमावली का पालन

पुणे/दि.13- विगत कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में होने वाली वृद्धि व विषाणुजन्य बीमारियां फैलने के लिए निर्माण हुआ पोषण बरसात का वातावरण. ऐसी स्थिति में आगामी बुधवार से शालाएं शुरु होने जा रही है. जिसके चलते पालकों से स्कूली बच्चों बाबत सर्वतोपरी खबरदारी बरतने का आवाहन तज्ञ डॉक्टरों ने किया है.
कोरोना के साथ ही बारिश के दिनों में होने वाली बीमारी से बच्चों के पेट की शिकायत, सांस व त्वचा विकार की तकलीफ होने की संभावना है. इसलिए कोई भी लक्षण दिखाई देने पर बच्चों को तुरंत डॉक्टर को दिखाये. ऐसी सलाह अपोलो स्पेक्ट्रा अस्पताल के जनरल फिजिशियन डॉ. संजय नगरकर ने दी.
डॉ. नगरकर ने कहा कि गत कुछ दिनों से कोरोना मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है. अब पूरे समय तक स्कूलें शुरु हो रही है. जिसके चलते स्कूली बच्चों को मास्क पहनने की आदत पालकों को लगानी चाहिए. हाथ धोने, सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की आदत कायम रखना आवश्यक है. बच्चों को इन्फ्लुएन्झा के टीकाकरण के साथ ही पात्र आयु समूह के बच्चों को कोरोना का टीकारण करवाये. सर्दी, खांसी, बुखार आदि विषाणुजन्य बीमारियों के लक्षण बच्चों में या परिवार के किसी में दिखाई देने पर बच्चों को स्कूल न भेजे.
मदरहूड अस्पताल की बालरोग तज्ञ डॉ. वृषाली बिचकर ने कहा कि बारिश के दिनों में एवं कोरोना मरीजों की संख्या ऐसी दोनों बीमारियां साधारणतः एक ही समय दिखाई देने पर खबरदारी बरतना आवश्यक है. बदलते तापमान के कारण बच्चों में त्वचा की शिकायतें, लाल रंग के चट्टे,खुजली आना आदि तकलीफें होती है.खांसी,सर्दी न्यूमोनिया, दमा की भी तकलीफें बढ़ती है. बाहर का खाने, पानी पीने के कारण भी जी मचलाना, उल्टीयां, पेट में दर्द, अपचन, अतिसार हो सकता है. मच्छरों के कारण डेंग्यू, मलेरिया, चिकनगुनिया का संसर्ग भी हो सकता है. जिसके चलते कोई भी लक्षण दिखाई देते ही दुर्लक्ष न करते हुए तुरंत डॉक्टरों की सलाह देना आवश्यक है. ऐसा भी डॉ. बिचकर ने स्पष्ट किया.

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