महाराष्ट्र

कृषि पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों को भी मिलेगी फीस में छूट

कोरोना से मृत पालकों के पाल्यों की होगी फीस माफ

मुंबई/दि.15 – प्रदेश के गैर कृषि विद्यालयों की तर्ज पर चार कृषि विश्वविद्यालयों के तहत आने वाले सरकारी और निजी कृषि महाविद्यालय के स्नातक, स्नातकोत्तर और आचार्य पाठ्यक्रमों के विद्यार्थियों की फीस में छूट दी जाएगी. इससे राज्य के 38 सरकारी 151 गैर अनुदानित महाविद्यालयों को मिलाकर कुल 189 महाविद्यालयों के 45 हजार विद्यार्थियों को इसका फायदा होगा. यह जानकारी बुधवार को राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे ने दी.
राज्य के कृषिमंत्री दादाजी भुसे ने कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ आयोजित बैठक में यह जानकारी दी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि फीस बकाया होने के कारण विद्यार्थियों को शैक्षणिक वर्ष में दाखिला लेने और परीक्षाओं के लिए आवेदन भरने से रोका न जाए. विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान नहीं होना चाहिए. कृषिमंत्री दादाजी भुसे ने यह भी कहा कि जिन विद्यार्थियों के माता-पिता की मौत कोरोना के कारण हुई है ऐसे विद्यार्थियों की पूरी फीस माफ कर दी जाएगी.

तीन-चार किश्तों भर सकेंगे बकाया फीस

राज्य के कृषि विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रमों के लिए विद्यार्थियों से वसूली जाने वाली विद्यार्थी मदद निधि, सुरक्षा बीमा शुल्क, वार्षिक पुरस्कार समारोह शुल्क, खेल महोत्सव शुुल्क, विद्यार्थी जांच शुल्क, पहचानपत्र, स्नेह सम्मेलन और अंक पत्रिका जैसे शुल्क को 100 प्रतिशत माफ करने का फैसला किया गया है. जबकि जिमखाना, खेल और अन्य उपक्रमों, ग्रंथालयों की देखभाल के लिए वसूली जाने वाली फीस में 50 प्रतिशत रियायत दी जाएगी. विद्यार्थियों का छात्रावास शुल्क पूरी तरह से माफ किया जाएगा. वहीं स्थायी गैर अनुदानित महाविद्यालयों की ओर से विद्यार्थियों से वसूले जाने वाले विकास शुल्क में 50 प्रतिशत छूट दी जाएगी. विद्यार्थी पिछले शैक्षणिक शुल्क की बकाया फीस 3 से 4 किश्तों में अदा कर सकेंगे.

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