महाराष्ट्र

प्रथम वर्ष पदवी के विद्यार्थियों ने बढाई चिंता

फेल होनेवालों की संख्या बढी

* ऑनलाईन शिक्षा का ऐसा भी असर
मुंबई/दि.16– पदवी पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष में पढनेवाले विद्यार्थियों की परीक्षाओं का नतीजा इस वर्ष काफी धक्कादायक रहा. जिसके चलते सभी महाविद्यालयों में इस समय चिंता का माहौल है और मुंबई सहित राज्य के विभिन्न शहरों में स्थित महाविद्यालयों ने बाकायदा पालक सभा बुलाकर विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगती का लेखा-जोखा उनके अभिभावकोें के सामने रखा है.
उल्लेखनीय है कि, मार्च 2020 में कोविड संक्रमण के चलते लॉकडाउन लगाये जाने के बाद लगातार दो वर्षों तक ऑनलाईन पढाई चल रही थी. इसी दौरान वर्ष 2021 में कक्षा 12 वीं का परीक्षा परिणाम पूरे सालभर की पढाईं तथा कक्षा 10 वीं व 11 वीं के दौरान अलग-अलग विषयों में प्राप्त अंकों के आधार पर अंतर्गत मूल्यमापन पध्दति के जरिये घोषित किये गये. जिसके बाद प्रथम वर्ष पदवी पाठ्यक्रम में प्रवेशित विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम विगत एक माह के दौरान घोषित हुए है. जिसमें अधिकांश महाविद्यालयों के 30 से 40 फीसद विद्यार्थी अनुत्तीर्ण रहने की बात सामने आयी. वहीं 35 फीसद विद्यार्थी कम से कम एक विषय में अनुत्तीर्ण होते हुए एटीकेटी हुए है और मात्र 25 से 30 फीसद विद्यार्थी ही सभी विषयों में उत्तीण हो पाये है. इसे राज्य के शिक्षा क्षेत्र के लिहाज से बेहद चिंताजनक स्थिति माना जा रहा है. क्योंकि प्रथम वर्ष में इतने बडे पैमाने पर विद्यार्थियों के अनुत्तीर्ण रहने के चलते इस बार द्वितीय वर्ष पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों की संख्या स्वाभाविक तौर पर घटेगी और इसका परिणाम अगले वर्ष भी दिखाई देगा. ऐसे में अब प्रथम वर्ष में अनुत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों की पढाई-लिखाई की ओर अधिक ध्यान दिये जाने की जरूरत जताई जा रही है. वहीं दूसरी ओर यह भी माना जा रहा है कि, दो वर्ष तक चले लॉकडाउन और ऑनलाईन शिक्षा के दौर की वजह से विद्यार्थी अब अपनी पढाई-लिखाई और कैरियर को लेकर विशेष गंभीर नहीं है. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, शिक्षा विशेषज्ञों के साथ-साथ अभिभावकों द्वारा भी संयुक्त रूप से प्रयास किये जाये.

* लिखने की आदत छूटने का भी परिणाम
विगत दो वर्षों के दौरान ऑनलाईन शिक्षा के चलते विद्यार्थियों के पढने व लिखने की आदत छूट गई है. जिसका असर प्रथम वर्ष पदवी पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों द्वारा लिखी गई उत्तर पुस्तिकाओं में साफ तौर पर दिखाई दिया. ऐसे में इस वर्ष कॉलेज में प्रवेश लेने के बाद विद्यार्थियों के वाचन व लेखन की ओर विशेष ध्यान देने की भी तैयारी विभिन्न शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा की जा रही है.

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