महाराष्ट्र

सुभाष घई ने ओटीटी प्लेटफॉर्म के लिए नई फिल्म ’36 फार्महाउस’ की घोषणा की

कहा ‘इसे बनाने में मजा आया’

मुंबई/दी. २० – परदेस, ताल, राम लखन जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाले वेटरन फिल्म निर्माता सुभाष घई अपना ओटीटी डेब्यू करने के लिए तैयार हैं.निर्देशक ने हाल ही में ’36 फार्महाउस’ नामक अपने अगले प्रोजेक्ट की घोषणा की, जिसे उनके प्रोडक्शन बैनर मुक्ता आर्ट्स लिमिटेड के तहत बैंकरोल्ड किया जाएगा.

सुभाष घई की आगामी फिल्म एक पारिवारिक मनोरंजन वाली फिल्म है जो कि लोकप्रिय डिजिटल प्लेटफॉर्म ZEE5 पर डिजिटल तौर पर रिलीज किया जाएगा.कथित तौर पर फिल्म में संजय मिश्रा, अमोल पाराशर, फ्लोरा सैनी, विजय राज और बरखा सिंह मुख्य भूमिकाओं में हैं. इसे राम रमेश शर्मा ने डायरेक्ट किया है.निर्देशक छह साल बाद एक निर्माता के रूप में वापसी करने के लिए तैयार हैं, उनका आखिरी वेंचर सूरज पंचोली और अथिया शेट्टी अभिनीत ‘हीरो’ था जो 2015 में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी.अभिनेता ने अपने इंस्टाग्राम पेज पर एक नए लेख की कटिंग भी साझा की और एक नई फिल्म के साथ आने के पीछे की कहानी का खुलासा किया. उसी पर अपने विचार साझा करते हुए उन्होंने लिखा, “हां, कोरोना काल के दौरान, मैं अपनी फिल्म ’36 फार्महाउस’ फॉर मुक्ता आर्ट लिमिटेड बनाने में शामिल रहा हूं, कलाकारों और ‘टेक्नीशियनों की सबसे युवा और प्रतिभाशाली टीम के साथ बातचीत करने का आनंद लिया और जी 5 के लिए होम स्क्रीन के लिए उनके साथ एक दिलचस्प ड्रामा फिल्म बनाने का पूरा आनंद लिया. फिर से छोटे पर्दे पर एक सिनेमा ने खूबसूरती से काम किया और मुझे अनुभव बहुत पसंद आया.”सुभाष घई की फिल्मेंइस बीच, सुभाष घई एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में एक प्रमुख चेहरा हैं जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा मेअपने काम के लिए जाने जाते हैं. उनकी सबसे नोटेबल वर्क में कालीचरण (1976), विश्वनाथ (1978), मेरी (1976), कर्ज (1980), हीरो (1983), विधाता (1982), मेरी जंग (1985), कर्मा (1986), राम लखन (1989) शामिल हैं.), सौदागर (1991), खलनायक (1993) और बहुत कुछ.2006 में, उन्हें सोशल इश्यू पर आधारित फिल्म ‘इकबाल’ के निर्माण के लिए दूसरे सोशल इश्यूज पर बेहतरीन फिल्म के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला, उसी वर्ष उन्होंने मुंबई में व्हिसलिंग वुड्स अंतर्राष्ट्रीय फिल्म और मीडिया संस्थान की स्थापना की.महान निर्देशक ने हिंदी सिनेमा में अपने करियर की शुरुआत तकदीर (1967) और आराधना (1969) सहित फिल्मों में छोटी भूमिकाओं के साथ एक अभिनेता के रूप में की थी. 1970 के दशक में उमंग और गुमराह (1976) में वो मुख्य भूमिका में थे.एएनआई के मुताबिक, फिल्म के निर्माण पर, सुभाष घई, जो एक बेहतरीन कहानी को आगे लाने के लिए जाने जाते हैं और फिर से एक एंटरटेनिंग फिल्म लेकर आ रहे हैं, ने साझा किया कि, “ये बहुत अच्छा है अगर कोई दुनिया भर के दर्शकों तक पहुंच सकता है, जिनके पास बेहतरीन सामग्री है.’36 फार्महाउस’ के साथ गूंजना निश्चित है. दुनिया भर में प्रवासी भारतीयों की भावनाएं क्योंकि इसके मूल में आज पारिवारिक मुद्दे हैं और ये एक दिलचस्प लेंस के जरिए से अमीर और गरीब के डिचोटॉमी को भी खोजता है.”

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