राज्य की राजनीति में अचानक आया जबर्दस्त मोड
शिंदे के नाम का सीएम पद के लिए समर्थन करेगी भाजपा
* फडणवीस बोले, हमें सत्ता का लालच नहीं, केवल हिंदुत्व आगे बढे
* भाजपा के ‘यू-टर्न’ से सभी भौंचक,
* अब तक फडणवीस को माना जा रहा था सीएम पद का दावेदार
* फडणवीस ने अचानक ही नया दांव खेलकर सभी को डाला हैरत में
* आज सिर्फ एकनाथ शिंदे लेंगे शपथ
* भाजपा करेगी शिंदे की दावेदारी का समर्थन
* शाम 7 बजे शिंदे का होगा शपथग्रहण
* फडणवीस ने की पत्रवार्ता में घोषणा
* फडणवीस का बडा ऐलान, मैं सरकार से बाहर रहूंगा
मुंबई/दि.30 शिंदे सरकार के पक्ष में 170 विधायक
* फडणवीस ने पूरे आंकडे ही रख दिये सामने
विगत दस दिनों से चल रही राजनीतिक उठापटक अब खत्म होने में है और भाजपा के सहयोग से शिवसेना के बागी नेता व महाविकास आघाडी सरकार में नगर विकास मंत्री रहे एकनाथ शिंदे अब राज्य के नये मुख्यमंत्री होंगे. जिनके दावेदारी का पत्रवार्ता में खुले तौर पर समर्थन करते हुए देवेेंद्र फडणवीस ने अपने पास बहुमत रहने का दावा किया. विधानसभा के पक्षीय बलाबल की आंकडेवारी पेश करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने बताया कि, शिंदे सरकार के पास शिवसेना के विधानमंडल गट व भाजपा के विधानमंडल गट सहित 16 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है और यह सरकार स्पष्ट बहुमत के साथ अपनी सत्ता स्थापित करने जा रही है. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुताबिक शिंदे सरकार को विधानसभा में कुल 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जो बहुमत साबित करने हेतु जरूरी रहनेवाले आंकडे से कहीं अधिक है.
* मंत्री बनने से पहले ही शिंदे को मिली ‘झेड’ सुरक्षा
विगत दस दिनों से राज्य में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल को लेकर लगातार चर्चाओं के केंद्र में रहनेवाले शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे आज दस दिन बाद मुंबई वापिस लौट आये. साथ ही यह भी तय माना जा रहा है कि, वे भाजपा के साथ हाथ मिलाते हुए राज्य में नई सरकार का गठन करने जा रहे है और उनके हिस्से में उपमुख्यमंत्री का पद निश्चित रूप से आयेगा. ऐसे में मुंबई पहुंचने से पहले ही एकनाथ शिंदे को झेड श्रेणीवाली सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है ओर आज दोपहर बाद एकनाथ शिंदे के मुंबई एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें सुरक्षा घेरा उपलब्ध कराया गया. जिसके बाद सुरक्षा के कडे घेरे में एयरपोर्ट से बाहर निकलकर एकनाथ शिंदे भाजपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने पहुंचे. जहां से दोनोें नेताओं राज्यपाल कोश्यारी से मुलाकात करने एकसाथ रवाना हुए.
* हिंदुत्व की भूमिका नहीं छोडते, तो किरकिरी नहीं होती
वहीं दूसरी ओर उध्दव ठाकरे द्वारा बीती रात फेसबुक लाईव के जरिये इस्तीफा दिये जाने की घोषणा करने के बाद भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यदि उध्दव ठाकरे और शिवसेना ने अपनी हिंदुत्ववाली भूमिका को नहीं छोडा होता, तो आज यह नौबत नहीं आती और उन्हें किरकिरी का सामना नहीं करना पडता. लेेकिन उध्दव ठाकरे ने सत्ता की लालच में फंसकर राकांपा व कांग्रेस जैसे दलों के साथ हाथ मिलाते हुए अपनी विश्वसनियता को खो दियाा.
* ठाकरे सरकार के गिरते ही बच्चु कडू को ‘क्लीनचिट’
आघाडी सरकार में राज्यमंत्री रहनेवाले बच्चु कडू पर अकोला जिलांतर्गत तीन सडकों के काम में भ्रष्टाचार करने का आरोप वंचित बहुजन आघाडी द्वारा लगाया गया था. जिसमें कहा गया था कि, अस्तित्व में ही नहीं रहनेवाले तीन रास्तों के काम पर करीब 1 करोड 95 लाख रूपये का खर्च किया गया है. अकोला के सिटी कोतवाली पुलिस थाने में बच्चु कडू पर जालसाजी व धोखाधडी का अपराध दर्ज किया गया था और यह मामला अदालत के समक्ष विचाराधीन था. जहां पर गत रोज खुद पुलिस की ओर से कहा गया कि, इस पूरे मामले में पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है. ऐसे में यह मामला तथ्यहिन है. जिसके चलते पुलिस ने इस मामले की फाईल को बंद कर दिया है. यानी इस समय बागी गुट में शामिल बच्चु कडू को इस मामले में ‘क्लीनचिट’ मिल गई है.
* यह तो केवल झांकी है, मुंबई मनपा बाकी है
-उध्दव सरकार के पतन पर भाजपाईयों ने मनाया जश्न
बीती रात मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा अपने पद से इस्तीफा दिये जाने के साथ ही ढाई वर्ष तक महाराष्ट्र की सत्ता में रही महाविकास आघाडी सरकार का पतन हो गया. जिसके बाद भाजपाई खेमे में जल्लोश का दौर शुरू हुआ और भाजपा नेताओें ने अपनी रणनीति व व्यूहरचना सफल रहने के चलते जमकर जश्न भी मनाया. इसके साथ ही भाजपा नेताओं ने उध्दव ठाकरे एवं शिवसेना पर जमकर निशाना भी साधा. मुंबई भाजपा ने अपने अधिकृत ट्विटर हैण्डल पर कहा कि, यह तो केवल झांकी है, अभी मुंबई मनपा बाकी है. इसके साथ ही इस ट्विटर पर पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का छायाचित्र भी दर्शाया गया है. जिसमें देवेंद्र फडणवीस अपने हाथ में बैट लेकर खडे दिखाई दे रहे है.
* ठाकरे के इस्तीफे से हमें खुशी नहीं हुई
– बागी गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर का कथन
वहीं बीती रात शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे द्वारा मुख्यमंत्री पद से विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दिये जाने के बाद अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना के बागी गुट नेता एकनाथ शिंदे व प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि, उन्हें सीएम ठाकरे द्वारा इस्तीफा दिये जाने की कोई खुशी नहीं है, बल्कि उन्होंने इसे लेकर अपने मन में दु:ख महसूस किया और आज भी उनके मन में उध्दव ठाकरे को लेकर आदर व सम्मान कायम है. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, जो समविचारी दल है, शिवसेना ने उनके साथ अपना गठबंधन रखना चाहिए और विपरित विचारधारावाले दलों के साथ किये गये गठबंधन से बाहर आना चाहिए. हमारी केवल इतनी ही मांग थी.
* अब वहां कपडे-बर्तन धोने का काम करो
– सेना सांसद संजय राउत का बागी विधायकों पर तंज
वहीं बीती रात सीएम उध्दव ठाकरे द्वारा अपने पद से इस्तीफा दे दिये जाने और महाविकास आघाडी सरकार गिर जाने के बाद सेना सांसद व प्रवक्ता संजय राउत ने इस सब के लिए सेना के बागी विधायकों को जिम्मेदार बताया. साथ ही कहा कि, अब तक राज्य में शिवसेना का मुख्यमंत्री था, तो शिवसेना के साथ जुडे सभी लोगों की इज्जत बढ गई थी, लेकिन अब जिन लोगों ने बगावत की है, क्या उनके हिस्से में मुख्यमंत्री का पद आयेगा, या फिर दूसरों के इशारे पर अपनी पार्टी से बगावत करनेवाले वे सभी लोग अब किसी अन्य दल के नेता को मुख्यमंत्री बनाकर खुद उस नेता व उस दल में कपडे-बर्तन धोने का काम करेंगे.