शक्कर कारखानों को देना होगा ब्याज सहित एफआरपी
औरंगाबाद/दि.22– शक्कर कारखानों द्वारा गन्ना उत्पादकों को उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) देरी से देने पर 15 फीसदी ब्याज सहित राशि अदायगी से संबंधित हुए अनुबंध को चुनौती देने वाली जनहित याचिका पर शुक्रवार को बॉम्बे हाइकोर्ट की औरंगाबाद खंडपीठ में सुनवाई हुई. न्यायमूर्ति एसवी गंगापुरवाला व न्यायमूर्ति एसजी दिघे की पीठ में केंद्र सरकार ने हलफनामा पेश कर दोहराया कि शक्कर कारखानों को शुगर केन ऑर्डर के ब्याज समेत एफआरपी देना ही होगा. मामले में नांदेड़ के किसान नेता प्रल्हाद इंगोले ने एड. श्रेयस देशपांडे व एड. संजीव देशपांडे के जरिए जनहित याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया है कि शुगर केन कंट्रोल ऑर्डर में एफआरपी देने में देरी होने पर 15 फीसदी ब्याज देने का प्रावधान है.
इस बारे में शक्कर आयुक्त ने 24 फरवरी 2020 को पत्र जारी किया कि एफआरपी के पैसों के लिए कारखानों में अन्नदाताओं, उत्पादक संग अनुबंध किया, लेकिन उसमें एफआरपी के लिए विलंब भी हुआ, तो ब्याज नहीं मांगने के लिए कहा था. इस अनुबंध को जनहित याचिका के जरिए अदालत में चुनौती दी गई है.