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‘सुला विनयार्डस’ को 116 करोड की नोटीस

राज्य उत्पाद शुल्क विभाग की कार्रवाई

मुंबई/दि.3 – वाईन उत्पादन क्षेत्र में सबसे आगे रहने वाले नाशिक स्थित ‘सुला विनयार्डस’ को राज्य आबकारी शुल्क विभाग ने 116 करोड रुपयों का आबकारी शुल्क भरने के संदर्भ में नोटीस जारी की है. इसके खिलाफ ‘सुला विनयार्डस’ ने हाईकोर्ट में गुहार लगाई है. पता चला है कि, आबकारी विभाग द्बारा कुल 5 वाईन उत्पादक कंपनियों को नोटीस दी गई है. जिसमें से 98 फीसद उत्पाद शुल्क ‘सुला विनयार्डस’ कंपनी से ही वसूल करना है.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2006 से 2014 के दौरान उत्पादित किए गए ब्लेंडेड वाईन पर उत्पाद शुल्क भरने हेतु आबकारी विभाग द्बारा के नोटीस जारी की गई है. ‘सुला विनयार्डस’ सहित अन्य कंपनियों को आबकारी शुल्क भरने हेतु फरवरी 2018 में नोटीस जारी की गई थी. इसके खिलाफ ‘सुला विनयार्डस’ ने उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी. पश्चात नाशिक के तत्कालीन जिलाधीश द्बारा कर की वूसली हेतु जारी की गई डिमांड नोटीस पर तत्कालीन आबकारी मंत्री द्बारा स्थगिती दी गई. परंतु यह स्थगिती एक सप्ताह मेंं ही खत्म हो जाने के चलते आबकारी विभाग ने तुरंत ही 115.90 करोड रुपयों की वसूली के लिए कंपनी को नोटीस जारी की. इस संदर्भ में राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के आयुक्त डॉ. विजय यूर्यवंशी ने बताया कि, यह आबकारी शुल्क वसूल करने की जिम्मेदारी नाशिक के जिलाधीश कार्यालय की है.
बता दें कि, राज्य की ‘अंगुर वाईन नीति-2011’ के मुताबिक वाईन निर्मिति को आबकारी शुल्क से छूट दी गई थी. परंतु यह छूट केवल एक वाइन तक ही सीमित थी और विदेश अथवा किसी अन्य राज्य से कोई अन्य वाईन लोकर उसके साथ मिश्रण यानि ब्लेंडेड वाईन तैयार करने पर उत्पाद शुल्क लागू होता है. बियर व वाईन उत्पादन नियमावली 1966 में भी इसका उल्लेख है. पश्चात वर्ष 2018 में जारी की गई नीति के अनुसार ब्लेंडेड वाईन निर्मिति पर उत्पाद शुल्क माफ किया गया. ऐसे में वर्ष 2018 से पहले ‘सुला विनयार्डस’ सहित अन्य 5 उत्पादकों द्बारा 2 वाईन एकत्रित करते हुए ब्लेंडेड वाईन तैयार करने के चलते उन्हें उत्पाद शुल्क भरना अनिवार्य था. ऐसे में वर्ष 2006 से 2014 के दौरान उत्पादित की गई ब्लेंडेड वाईन पर आबकारी शुल्क भरने हेतु यह नोटीस जारी की गई है. उपरोक्त जानकारी के साथ ही आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया कि, नई नीति के अनुसार वाईन पर 2026 तक उत्पाद शुल्क में छूट दी गई है.
* कंपनी ने भी रखा अपना पक्ष
‘सुला विनयार्डस’ ने इस संदर्भ में प्रसिद्धि पत्रक जारी करते हुए कहा है कि, फरवरी 2018 में जारी की गई नोटीस को उच्च न्यायालय में चुनौति दी गई है. साथ ही आबकारी आयुक्त के पास भी अपील की गई है. 26 जुलाई 2018 में जारी की गई अधिसूचना के अनुसार आबकारी मंत्री के पास दोबारा अपील की गई है. मंत्री द्बारा सितंबर 2019 में नोटीस पर दी गई स्थगिति के खारिज हो जाने की वजह से इसके खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील की गई है. जिसे लेकर 4 अगस्त को सुनवाई होने वाली है. ऐसे में उत्पाद शुल्क विभाग की नोटीस कंपनी पर लागू नहीं होती और कंपनी से शुल्क की वसूल नहीं की जा सकती. इसके साथ ही इससे संबंधित पूरी जानकारी कंपनी के आगामी आईपीओ की संदर्भ पुस्तिका के जरिए सभी शेयर धारकों और सेबी को दी जाएगी.

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