मनपा प्रॉपर्टी टै्नस का मसला सुप्रीम कोर्ट में
दि.१६ नई दिल्ली – प्रॉपर्टी टै्नस वसूलने को लेकर अकोला महापालिका और प्रॉपर्टी धारकों के बीच चल रहा विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. अकोला महापालिका ने हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ के उस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी है, जिसमें महापालिका के २०१७-१८ से अगले पांच साल के लिए नए दर से संपत्ति कर वसूलने के प्रस्ताव को रद्द कर दिया गया. दरअसल, अकोला नगर निगम प्रशासन ने भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस मैqपग सिस्टम) के इस्तेमाल से शहर की संपत्ति का सटीक मूल्यांकन करके वर्ष २०१५-१६ में प्रॉपर्टी टै्नस का नया निर्धारण का प्रस्ताव पारित किया था, जिस पर २०१७-१८ से २०२१-२२ के लिए अमल किया जाना था. इसका विरोध करते हुए कांग्रेस के पार्षद जिशान हुसैन ने इसे नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी थी. इस पर सुनवाई हुई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रॉपर्टी टै्नस की दरों में की गई बढोत्तरी के लिए अपनाई गई पद्धति पर सवाल उठाते हुए इसे रद्द कर दिय था और २०१७ के पहले मूल्य के अनुसार ही प्रॉपर्टी टै्नस वसूलने का आदेश दिया था. हालांकि अकोला महापालिका ने इस पर पुर्नविचार के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने अपने पहले आदेश को बरकरार रखते हुए याचिका खारिज कर दी थी. इसे नगर निगम ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौति दी है. अकोला महापालिका ने यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील सुहास कदम के माध्यम से दायर की है. उनके मुताबिक अगले १० दिनों के भीतर इस पर सुनवाई होने की संभावना है.