महाराष्ट्र

सुप्रिया नहीं बनेंगी महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री

  •  राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने लगाया चर्चाओं पर विराम

  •  सुप्रीया को राज्य की नहीं, राष्ट्रीय राजनीति में रूची

मुंबई/दि.3 – विगत दिनों भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार पर एक चुनावी सभा में तंज कसते हुए कहा था कि, यदि आगामी समय में राज्य में राष्ट्रवादी कांग्रेस का मुख्यमंत्री बनता है, तो शरद पवार अपने भतीजे को नहीं, बल्कि अपनी बेटी सुप्रिया सुले को मुख्यमंत्री बनायेंगे. इसी तरह पॉवर ट्रेडिंग नामक किताब की लेखिका प्रियम गांधी ने भी अपनी किताब में दावा किया था कि, विगत विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को समर्थन देने के मुड में चल रहे शरद पवार ने ऐन समय पर यहीं सोचकर अपना फैसला बदला था कि, अगर राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार टीक जाती है, तो वे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का मुख्यमंत्री बनाने का अपना सपना पूरा कर सकते है. इन तमाम बातों को लेकर अब राज्य की राजनीति में कई तरह की चर्चाएं चल रही है, लेकिन राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने एक ऐसी बात कही है, जिससे ऐसी तमाम चर्चाओं पर पूर्णविराम लग गया है.
गत रोज शरद पवार ने एक अनौपचारिक चर्चा में कहा कि, उनकी बेटी सुप्रिया सुले को राज्य की राजनीति की बजाय राष्ट्रीय राजनीति में ज्यादा रूची है और सुप्रिया सुले संसद में ही रहना चाहती है. उन्हेें सर्वोत्तम सांसद का पुरस्कार भी मिला है और वे अपने संसदीय कामोें में खुश है. पवार के मुताबिक हर एक की रूची का अपना एक क्षेत्र होता है. अत: उन्हेें नहीं लगता कि, सुप्रिया सुले कभी भी राज्य की राजनीति में आना चाहेगी. और मुख्यमंत्री पद की दावेदार रहेगी.
इसके अलावा अपने बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस के सुत्र नये नेतृत्व के पास सौंपे जाने के संदर्भ में शरद पवार ने कहा कि, राकांपा के पास युवा नेताओं की कमी नहीं है और जिन नामों पर सभी की सहमति बन सकती है, ऐसे अनेक नाम राष्ट्रवादी में है. जिनमें अजीत पवार, जयंत पाटिल व धनंजय मुंढे जैसे कई नामों का उल्लेख किया जा सकता है. इन सभी लोगोें में पार्टी का नेतृत्व करने की कुवत है.

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