महाराष्ट्र

सुशांत सिंह राजपूत प्रकरण महाराष्ट्र को बदनाम करने की थी साजिश

राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक का बयान

मुंबई/दि.८- सुशांत सिंह राजपूत केस का सच क्या है? सुशांत की हत्या हुई थी या उन्होंने आत्महत्या की थी? सीबीआई ने एक साल होने के बाद भी स्पष्ट नहीं किया है. इसका मतलब महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने के लिए यह साजिश रची गई थी. राकांपा प्रवक्ता और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक  ने यह आरोप लगाया है. नवाब मलिक ने कहा है, “कोई भी घटना होती है तो उसकी जांच उस घटना से संबंधित राज्य में ही होती है. उस राज्य की ही जांच एजेंसियों के माध्यम से होती है. लेकिन सुशांत सिंह राजपूत के प्रकरण में बिहार सरकार ने हत्या का केस दर्ज किया और पूरे प्रकरण को सीबीआई जांच के लिए सौंप दिया. सीबीआई एक साल से इस मामले की जांच कर रही है. अब तक यह बता नहीं लगा पाई कि यह हत्या थी या आत्महत्या.”

‘बिहार चुनाव में फायदा उठाने के लिए सुशांत प्रकरण उछाला गया’

नवाब मलिक ने आरोप लगाया है कि बिहार चुनाव में राजनीतिक फायदा उठाने के लिए सुशांत सिंह राजपूत का मुद्दा गरमाया गया. इसी तरह की बात महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमिटी के सेक्रेट्री व प्रवक्ता सचिन सावंत ने भी की है. सचिन सावंत ने कहा है. “एम्स पैनल द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की हत्या होने की बात ठुकराए हुए 300 से ज्यादा दिन हो गए हैं. सीबीआई आज भी इस मुद्दे पर मौन रख रही है. सीबीआई पर कोई दबाव तो नहीं है ना? अत्यंत प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया गया सुशांत सिंह प्रकरण की जांच में एक साल में क्या प्रगति हुई? जांच की क्या स्थिति है? महाराष्ट्र से संबंधित जांच जानबूझकर अंतहीन रखने के लिए मोदी सरकार ने आदेश दिया है क्या? यह सीबीआई तत्काल स्पष्ट करे.” यह मांग सचिन सावंत ने की है.

सरकार अस्थिर करने के लिए सुशांत सिंह का इस्तेमाल- सचिन सावंत

इस बारे में आगे बोलते हुए सचिन सावंत ने कहा था कि सीबीआई ने बिहार पुलिस से सुशांत सिंह राजपूत की दुखद मृत्यु  का केस हाथ में लिया. इस घटना को एक साल पूरा हो गया. बिहार पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 177 का उल्लंघन किया था. सर्वोच्च न्यायालय ने भी मुंबई पुलिस की जांच पर समाधान व्यक्त किया था. लेकिन मुंबई पुलिस की छवि खराब करने और महाविकास आघाडी सरकार को अस्थिर करने की मंशा से यह भाजपा की साजिश थी. बिहार के तत्कालीन डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे का इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए इस्तेमाल किया गया. भाजपा ने बिहार चुनाव में सुशांत की मृत्यु का इस्तेमाल किया.

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