मराठा आंदोलनकारियों पर 521 मामलों की लटकती तलवार
राज्य सरकार ने अब तक नहीं की कोई कार्रवाई
* नियुक्त समिति ने की 53 मामले पीछे नहीं लेने की सिफारिश
मुंबई/दि.26-राज्य के जालना जिले में आने वाले अंतरवाली सराटी सहित समुचे राज्य में हुए मराठा आंदोलन में आंदोलनकारियों पर अब तक दो चरण दर्ज हुए 798 मामलों में से केवल 157 मामले पीछे लेने की सिफारिश की गई है. तथा 53 मामले कदापि पीछे न लिए जाए, ऐसी सिफारिश इसके लिए स्थापित की गई जिला स्तरीय पुलिस अधिकारी और प्रशासकीय अधिकारियों की समिति ने की है. अभी भी दोनो चरण के 521 मामले पीछे लेने संदर्भ में राज्य सरकार ने कोई भी कार्रवाई नहीं करने से आंदोलनकारियों पर गिरफ्तारी की लटकती तलवार है.
पहले चरण में दर्ज हुए 348 अपराधों में से 157 अपराधों पीछे लेने की सिफारिश किए जाने पर भी दूसरे चरण के 450 मामलों में से एकभी मामला पीछे नहीं लिया गया. इसके लिए कोई सिफारिश भी गृह विभाग ने नहीं की. मराठा आंदोलक मनोज जरांगे के नेतृत्व में किए गए आंदोलन को देखते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 27 जनवरी 2024 को आंदोलनकर्ताओं पर दर्ज सभी मामले पीछे लेने का आश्वासन दिया था, हालांकि मराठा आंदोलनकर्ताओं पर दर्ज पूरे मामले पीछे नहीं लिए जाने से आंदोलनकर्ता अस्वस्थ दिखाई देते है.
मराठा समाज को आरक्षण मिलें, इसके लिए मनोज जरांगे के नेतृत्व में अगस्त 2023 से राज्य में जनआक्रोश आंदोलन व बेमियादी अनशन शुरु था. पुलिस से लाठीचार्ज करने के बाद सितंबर से यह आंदोलन उग्र हुआ. खासकर मराठवाडा में इसका ज्यादा असर रहा. कई स्थानों पर इस आंदोलन ने हिंसा का रूप लिया. पुलिस ने बडे पैमाने पर कार्रवाई करके आंदोलनकारियों पर मामला दर्ज किया. दो चरण में आंदोलनकर्ताओं पर मामले दर्ज हुए. इनमें से 31 जनवरी 2024 तक 348 मामले तथा 1 फरवरी 2024 से 450 मामले दर्ज किए गए है. पहले चरण के मामलों की जांच कर पीछे लेने का आश्वासन देने पर भी दूसरे चरण के 450 मामलों संबंध राज्य सरकार ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. तथा यह मामले पीछे लेने के लिए राज्य सरकार ने समिति से सिफारिश नहीं की.
हिंसक आंदोलन
मराठा आंदोलनकर्ताओं पर भारतीय दंडसंहिता की विविध धाराओं के तहत मामले दर्ज किए है. हत्या का प्रयास, सरकारी काम में बाधा, सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान जैसे गंभीर मामलों का समावेश भी है. मराठा आरक्षण के आंदोलन में पुणे शहर, सोलापुर शहर, कोल्हापुर, सांगली, अमलनेर, यवतमाल, धाराशीव, नांदेड, परभणी, जालना, अहमदनगर इन स्थानों पर सरकारी वाहनों पर पथराव, एसटी बसों पर पथराव, घनसावंगी क्षेत्र में पंचायत समिति कार्यालय को आग लगाना तथा विविध स्थानों पर आग लगाकर सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान करने जैसी घटनाएं हुई है.