महाराष्ट्र

कोरोना काल में फीस वसूलने वाली शालाओं पर कार्रवाई करें

राज्यभर के पालकों की मांग

मुंबई/दि.18 – कोरोना काल में राज्य के सभी शालाएं पूर्णत: बंद होने के बावजूद भी कुछ शालाओं ने विद्यार्थियों से फीस वसूली इन शालाओं पर कार्रवाई की जाए ऐसी मांग पालकों द्बारा की गई. बुधवार को आजाद मैदान पर राज्यभर के पालकों ने आंदोलन करते हुए इन शालाओं का निषेध करते हुए उन पर कार्रवाई करने की मांग की. फोर फेयरनेस इन एज्युकेशन इस संस्था के नेतृत्व में आंदोलन किया गया.
कोरोना संकट काल की पार्श्वभूमि पर राज्यभर में लॉकडाउन लागू कर दिया गया था. जिसमें मुंबई सहित राज्यभर की सभी शालाएं बंद कर दी गई थी. स्थिती सामान्य होने के पश्चात कुछ दिनों पूर्व मुंबई को छोडकर राज्यभर में शासन द्बारा दिए गए आदेशानुसार शाला शुरु कर दी गई है. कोरोना काल में सभी शालाएं बंद होने के बाद विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण दिया जा रह था. जिसमें शालाओं द्बारा पालकों से 100 प्रतिशत फीस वसूली गई.
पालकों द्बारा 70 प्रतिशत फीस लिए जाने की मांग पर शाला प्रशासन का कहना है कि, इस फीस से शिक्षकों को वेतन दिया जाएगा. तथा नियमित शाला शुरु रहते समय बस शुल्क, कैन्टिग, ग्रंथालय, पुस्तकें, कैलेंडर, गणवेश के साथ आकारे जानी वाली 30 प्रतिशत फीस जांचक है इस प्रकार की फीस लेना यह विद्यार्थियों और पालकों की लूट है. यह फीस न ली जाए ऐसी मांग फोरम फोर फेयरनेस इन एज्युकेशन के अध्यक्षा अनुभवा सहाय ने आजाद मैदान से आंदोलन के द्बारा की है.

क्या है पालकों की मांग

* शुल्क कानून में सुधार करें.
* निजी शालाओं का कालावधि अनुसार नियमित ऑडिट करेें.
* 2020-21 और 22 साल के लिए फीस न बढायी जाए.
* सख्ती से फीस की वसुली न की जाए.
* दोषी शिक्षण विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.

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