सार्वजनिक स्थलों पर थूकने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए
हाईकोर्ट ने मुंबई महापालिका सहित सभी स्थानीय निकायों से कहा

मुंबई/दि.८ – मुंबई हाईकोर्ट ने बुधवार को कहा कि राज्य का प्रशासन नागरिकों को सार्वजनिक जगह पर थूकने से रोकने क लिए जरुरी कदम उठाए. हाईकोर्ट ने मुंबई महानगरपालिका सहित सभी स्थानीय निकायों को इस दिशा में कदम उठाने को कहा है. मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने कहा कि आखिर पुलिस व मनपा सार्वजनिक जगह पर थूकने के लिए सिर्फ 200 रुपए ही जुर्माना क्यों वसूल रही है? जबकि कानून अधिकतम 1200 रुपए का जुर्माना वसूलने की इजाजत देता है. फिर सार्वजनिक जगहों पर थूकनेवाले लोगों से न्यूनतम जुर्माना क्यों लिया जाता है? मामले पर 21 अप्रैल को सुनवाई होगी. खंडपीठ ने यह बात पेशे से वकील अरमीन बांद्रेवचाला की ओर से दायर जनहीत याचिका पर सुनवाई के दौरान कही. याचिका में दावा किया गया है कि सर्वाधिक जगहों पर लोगों का थूकना भी कोरोना के तेजी से बढने की बडी वजह है. लेकिन प्रशासन व संबंधित प्राधिकरण सार्वजनिक जगहों पर रोक लगाने को लेकर पर्याप्त कदम नहीं उठा रहे है. सुनवाई के दौरान अधिवक्ता वांद्रेवाला ने कहा कि इस मामले में मुंबई मनपा को अंशकालिन रुप से मार्शल व संरक्षकों को नियुक्ति करने के लिए कहा जाए. जिससे सार्वजनिक जगहों पर थूकने की अनुसूचित प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके.