महाराष्ट्र

‘एक लाख दो, पांच लाख के नकली नोट लो’

महाराष्ट्र की पिंपरी-चिंचवड पुलिस ने गुजरात जाकर की बड़ी कार्रवाई

मुंबई/दि. 13 – नकली नोटों से छुटकारा पाने के लिए देश में नोटबंदी लागू की गई. लेकिन इससे नकली नोटों की ना छपाई रुक पाई और ना ही उसका व्यवहार रुका. बाजार में ऐसे नकली नोट चलाने वाले रैकेट का पर्दाफाश हुआ है. पुणे के पास की पिंपरी-चिंचवड पुलिस ने एक ऐसी टोली को पर्दाफाश किया है जो एक लाख रुपए के असली नोटों के बदले पांच लाख के नकली नोट मार्केट में चलवाती थी. इस रैकेट की पहुंच गुजरात तक होने की जानकारी मिली है. पिंपरी चिंचवड की पुलिस ने गुजरात तक जाकर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 32 लाख के नकली नोट जब्त किए और मुख्य आरोपी को अरेस्ट किया है.
जांच की शुरुआत पिंपरी-चिंचवड के निगडी इलाके से हुई. पुलिस को पता चला कि एक टोली लोगों के बीच नकली नोटों का जाल फैला रही है. लोगों को ऑफर दिया जा रहा था और कहा जाता था कि ‘एक लाख दो, पांच लाख के नकली नोट लो,’ पिंपरी-चिंचवड की निगडी थाने की पुलिस तुरंत हरकत में आई और उसने नकली नोट चलाने वाली टोली के मुख्य सूत्रधार सहित कुल छह लोगों को धर दबोचा. इस टोली से 32 लाख के नकली नोट जब्त किए गए.

  • तीन आरोपियों की गुजरात जाकर गिरफ्तारी, एक आरोपी है वन अधिकारी

गिरफ्तार किए गए मुख्य आरोपी राजू उर्फ रणजीत सिंह खतुबा परमार सहित बाकी आरोपियों के नाम गोरख दत्तात्रय पवार, विट्ठल गजानन शेवाले, जितेंद्र रंकनीधी पाणीग्रही, जितेंद्रकुमार नटवरभाई पटेल, किरण कुमार कांतीलाल पटेल हैं. इन आरोपियों में विट्ठल शेवाले एक वन अधिकारी है और कुछ महीने पहले यह रिश्वतखोरी के मामले में पकड़ाया था. इनमें से तीन आरोपियों को गुजरात में जाकर गिरफ्तार किया गया.

  • ऐसे की गई जांच, सारे आरोपी पुलिस के हाथ

पुलिस द्वारा दी गई जानकारियों के मुताबिक मुख्य आरोपी राजू परमार ने जितेंद्र कुमार पटेल और किरण कुमार पटेल से नोटों की छपाई करवाई. इन नकली नोटों का फिर आकर्षक वीडियो बनाया. फिर उसने यह वीडियो अपनी पहचान के लोगों में दिखाना शुरू किया. वीडियो दिखा कर वह उसके फायदे बताता और जो लोग उसकी बातों में आ जाते उन्हें वह नकली नोट चलाने के लिए दे दिया करता था. राजू परमार ने जितेंद्र पटेल और किरण पटेल से 50 लाख रुपए छपवाए थे.
ये सारे काम राजू पटेल ने अब तक फोन पर करवाए थे. आज तक ये सभी आरोपी एक दूसरे से फोन पर ही मिले थे. आमने-सामने उनकी मुलाकात कभी नहीं हुई. राजू बड़ी सफाई से अपने इस काम को अंजाम दे रहा था और जो फायदा होता था उसे वह कमीशन के तौर पर आरोपियों के बीच बांट दिया करता था. वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गणेश जवादवाड के नेतृत्व में सहायक पुलिस निरीक्षक लक्ष्मण सोनवणे, आर.बी.बांबले की पुलिस टीम ने इस नकली नोट चलाने वाली टोली का पर्दाफाश करके एक बड़ी कार्रवाई की है.

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