महाराष्ट्र

10 साल में एक लाख करोड के निवेश का लक्ष्य

नई पर्यटन नीति घोषित

* राज्य में 18 लाख रोजगार निर्माण करने की तैयारी
मुंबई/दि.19– 10 साल में एक लाख करोड का निजी निवेश जुटाने और 18 लाख रोजगार का सृजन करने के मकसद से प्रदेश सरकार ने नई पर्यटन नीति 2024 घोषित की है. नीति के तहत निजी क्षेत्र में तकनीक ज्ञान, प्रबंध और संगठनात्मक कौशल के आधार पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 18 लाख रोजगार सृजन करने का खाका बुना गया है.
गुरूवार को पर्यटन विभाग की नई नीति तत्काल प्रभाव से लागू हो गई. इसके अगले 10 सालों के लिए तैयार किया गया है. इसमें पर्यटन क्षेत्र से जुडी आवश्यक वैधानिक मंजूरी के लिए पर्यटन निदेशालय की एकल खिडकी प्रणाली को मजबूत बनाया जायेगा. नीति में कृषि पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, इको – टूरिज्म, कैरावैन पर्यटन, अनुभवात्मक पर्यटन, पर्यटन गांव का समावेश किया गया है. पर्यटन स्थलों में आधारभूत सुविधा का विकास करके टूर ऑपरेटर , एमआईसीई ऑपरेटर और डेस्टिनेशन वेडिंग, ऑपरेटर जैसे समूहों को प्रोत्साहन देकर पर्यटकों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य है. मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर)े में बॉलीवुड, शिक्षा, मनोरंजन, खेल, स्वास्थ्य पर्यटन के जरिए पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा. इसके लिए एमएमआर क्षेत्र में प्रोत्साहन और सुविधा कक्ष स्थापित किया जाएगा. यह कक्ष एमएमआरडीए, महानगर पालिकाओं और अन्य प्रमुख हिस्सेदारों के बीच समन्वय करेगा.

* क्रूज पर्यटन को प्रोत्साहन
समुद्री किनारों पर क्रूज पर्यटन विकसित करने की योजना नीति में हैं. अलीबाग, मुरूड- जंजीरा, गणपति पुुले, तारकर्ली और दापोली जैसे समुद्री तटों पर पर्यटन सुविधाएं विकसित की जाएगी. ठाणे के कल्याण स्थित दुर्गाडी, रायगड के उंदरी, रत्नागिरी के वेलदूर और सुवर्णदुर्ग में पर्यटन स्थापित की जाएंगी. ठाणे के वसई स्थिल अर्नाला किले के पास, जेट्टी , रायगढ के जंजीरा किले के पास यात्री जेट्टी बनाई जाएगी.

* नदी पर्यटन – गुजरात औ मध्यप्रदेश में शुरू लक्जरी रीवर क्रूूज पर्यटन परियोजना में नंदूरबार (तोरणमाल तल) से स्टेच्यू ऑफ यूनिटी शामिल होगा. नदी पर्यटन और स्थानीय फेरी यात्रा के लिए कोंकण की विशिष्ट नदियों को शामिल किया जायेगा.

नई नीति के तहत लघु, मध्यम , बडे मेगा,अल्ट्रा मेगा परियोजना को ए.बी और सी वर्ग में बांटा जायेगा. पर्यटन समूहों को ब्याज और एसजीएसटी की वापसी सहित विद्युत शुल्क और अन्य टैक्स में रियायत दी जाएगी. कौशल्य विकास कार्यक्रम के तहत 50 हजार रूपए से लेकर 10 लाख रूपए तक प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी.
गिरीश महाजन, पर्यटनमंत्री

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