महाराष्ट्र

विशाखा समिति के प्रभावी अमल के लिए टास्क फोर्स होगा गठीत

महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने दी जानकारी

मुंबई/ दि.३१ – राज्य के सभी पंजीकृत आस्थापना, कारखाने, कंपनी, संगठीत, असंगठीत क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं की लैंगिक प्रताडना की घटनाएं घटीत होती है. इस प्रताडना से महिलाओं की रक्षा करने के लिए प्राप्त शिकायतों की समय पर दखल लेना जरुरी है. सभी विभागों ने नियम के अनुसार उचित कार्रवाई करनी चाहिए, इस तरह के निर्देश देकर विशाखा समिति के प्रभावी अमल के लिए टास्क फोर्स गठीत किया जाएगा, इस तरह की जानकारी महिला व बालविकास मंत्री यशोमती ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों की आयोजित बैठक में दी है.
काम की जगह पर महिलाओं की प्रताडना, अत्याचार रोकने के लिए रहने वाली विशाखा समिति के प्रभावी अमल के लिए आज बैठक हुई. इस समय प्रधान सचिव आय.ए.कुंदन, कामगार विभाग की सचिव विनिता वेद तथा सामान्य प्रशासन, उद्योग, ऊर्जा सहकार विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे. शिकायत की जांच करने के लिए सभी जिला महिला व बालविकास अधिकारी को इस बाबत की सूचना दी गई है. सभी जिलों में स्थानीय स्तर पर शिकायत समिति गठीत की गई है. हर जिले के उपजिलाधिकारी ने इस नियोजन के लिए एक समन्वय अधिकारी नियुक्त करना चाहिए और उनके कार्यक्षेत्र की लैंगिक प्रताडना की शिकायत प्राप्त कर स्थानीय शिकायत समिति को भेजी जाएगी. इस बाबत की रिपोर्ट संबंधित जिलाधिकारी को पेश कर उन्होंने वह रिपोर्ट महिला व बाल विकास विभाग को हर वर्ष के 30 अप्रैल से पहले पेश करनी होगी, इस तरह की व्यवस्था नियम के अनुसार है. इस बाबत की समूची कार्रवाई नियम के अनुसार करने के निर्देश यशोमती ठाकुर ने संबंधित अधिकारियों को बैठक में दिये. काम की जगह पर महिलाओं की लैंगिक प्रताडना से संरक्षक अधिनियम 2013 अंतर्गत विशाखा समिति नियुक्त करना अनिवार्य है. शासकीय तथा निजी कार्यालय में विशाखा समिति के माध्यम से महिलाओं को न्याय मिलना चाहिए, इसके लिए कडे कदम उठाने तथा अमल के लिए टास्क फोर्स स्थापन करने के निर्देश इस समय ठाकुर ने दिये.

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