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तावडे बन सकते हैं भाजपा अध्यक्ष!

महाराष्ट्र को मिल सकता है भाजपा का शीर्ष पद

* ‘टास्क मास्टर’ के तौर पर उभरे है तावडे
नई दिल्ली./ दि. 10-गत रोज भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्बारा केन्द्रीय मंत्री के तौर पर शपथ लिए जाते ही अब इस बात को लेकर अटकलें तेज हो गई है कि भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का जिम्मा किसे मिलेगा. साथ ही कयास लगाया जा रहा है कि लोकसभा चुनाव दौरान बिहार में पार्टी को शानदार जीत हासिल कराने के साथ ही नितिशकुमार के नेतृत्व वाले जदयु को भाजपा के साथ एनडीए में लाने का कारनामा कर दिखानेवाले विनोद तावडे को यह जिम्मेदारी मिल सकती है. क्योंकि विनोद तावडे ने एक तरह से खुद को ‘टास्क मास्टर’ के तौर पर स्थापित किया है. साथ ही वे इस समय भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भी है. ऐसे में अध्यक्ष पद के लिए विनोद तावडे की दावेदारी को दमदार बताया जा रहा है.
बता दें कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने गत रोज केन्द्रीय मंत्री के तौर पर शपथ ली. ऐसे में अब भाजपा द्बारा किसी और को अध्यक्ष बनाए जाने की संभावनाएं बढ गई है. क्योंकि जेपी नड्डा का कार्यकाल वैसे भी विगत जनवरी माह में खत्म हो चुका था. साथ ही भाजपा में किसी मंत्री को अध्यक्ष पद पर नहीं रखा जाता. हालांकि अध्यक्ष रहने के बाद मंत्री बनते हुए नड्डा ने एक तरह से भाजपा की परीपाटी को कायम रखा. इससे पहले वर्ष 2014 में राजनाथसिंह व 2019 में अमित शाह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के बाद केन्द्रीय मंत्री बने थे. वहीं अब जनवरी 2020 से भाजपा अध्यक्ष पद का जिम्मा संभालनेवाले जेपी नड्डा पार्टी अध्यक्ष रहने के बाद केन्द्रीय मंत्री बनाए गये है. यूं तो नड्डा कार्यकाल विगत जनवरी माह में ही खत्म हो गया था. लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए उन्हें 6 माह की समयावृध्दि दी गई थी. जो इसी माह में खत्म हो रही है. ऐसे में नड्डा के बाद अध्यक्ष पद हेतु भाजपा में चार नामों को लेकर चर्चा चल रही थी. जिनमें मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व हरियाणा के पूर्व मुख्य मंत्री मनोहरलाल खट्टर सहित भुपेन्द्र यादव व धर्मेन्द्र प्रधान के नामों का समावेश था. लेकिन इन चारों को केन्द्रीय मंत्री मंडल में शामिल कर लिए जाने के बाद नया अध्यक्ष कौन होगा. यह सवाल एक बार फिर उपस्थित हो गया. जिसके पश्चात भाजपा के महासचिव रहनेवाले विनोद तावडे व सुनील बंसल के नामों की चर्चा शुरू हो गई.
ज्ञात रहे कि विनोद तावडे ने महाराष्ट्र में पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के मंत्री मंडल में शालेय शिक्षामंत्री के तौर पर काम किया है. लेकिन इसके बावजूद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने तावडे को दोबारा मौका नहीं दिया. जिसके खिलाफ तावडे ने कुछ भी नहीं कहा. जिसके बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में मौका दिया. जिसका तावडे ने भी भरपूर फायदा उठाया. इस समय तावडे के पास बिहार का प्रभार है और उन्होंने लोकसभा चुनाव के प्रचार दौरान केन्द्र सरकार की योजनाओं को प्रत्येक लाभार्थी तक पहुंचाने हेतु विशेष अभियान चलाया. साथ ही बिहार में भाजपा को हो सकने वाले नुकसान को ध्यान में रखते हुए नितिशकुमार के नेतृत्व वाली जदयु को एक बार फिर एनडीए में शामिल किया. तावडे द्बारा किया गया यह काम भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद भी साबित हुआ. क्याेंंकि यदि नितिशकुमार उसकी पार्टी इंडिया गठबंधन में रहती तो भाजपा के लिए केन्द्र में सरकार बनाना काफी मुश्किल काम रहा होता. इसी बात के मद्देनजर अब विनोद तावडे को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए सबसे बडा दावेदार बताया जा रहा है.

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