अमरावतीमहाराष्ट्र

टीडीएस घटाया, कई जटिल टैक्स कानून रद्द

केन्द्रीय बजट की विशेषज्ञों ने की समीक्षा

* सीए अमरावती शाखा और मैनेजमेंट असो. का आयोजन
* सीए तांबी, गणेशानी और खंडेलवाल ने बताए बदलाव
अमरावती/दि.26– देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने टीडीएस घटाकर एक बडे वर्ग को राहत दी है. उसी प्रकार नये रिजीम में आयकर दाताओं को अधिक छूट दी गई है. टीडीएस घटाने का निर्णय आगामी 1 अक्तूबर से लागू होगा. वित्त मंत्री महोदया ने सीए संस्थान की अनेक सिफारिशों को मान्य किया है. उसे बजट में शामिल कर घोषित किया है. यह बजट रोजगार को बढावा देने के साथ- साथ कोराना बाद की चुनौतियों से निपटते हुए देश की विकास दर को बढा सकता है. इस आशय के विचार गुरूवार को सीए भवन में आयोजित बजट परिचर्चा में विशेषज्ञ सीए ललित तांबी, सीए आदित्य खंडेलवाल और सीए मोहित गणेशानी ने व्यक्त किए. परिचर्चा का आयोजन आयसीएआई अमरावती शाखा तथा अमरावती मैनेजमेंट असो. ने मिलकर किया था. शहर के गणमान्य कर सलाहकार और प्रमुख बिजनेस मैन तथा उद्यमी अच्छी संख्या में उपस्थित थे.
* सीए तांबी ने समझाया आयकर
सीए ललित तांबी ने आयकर के नये प्रावधानों को समझाया. उन्होंने बताया कि नई रिजीम में राज सहायता के लिए एम्प्लायर को सभी नये कर्मचारियों का पंजीयन बंधनकारक किया गया है. जिससे नई पेंशन योजना लागू होने पर सरकार ईपीएफ का अपना 12 प्रतिशत हिस्सा देगी. पहले यह 12 और 24 माह का स्लैब था. इसे बढाकर 24 और 42 माह कर दिया गया है. सीए तांबी ने बताया कि सीए संस्थान ने सरकार को कई सुझाव दिए थे. काफी सुझाव और प्रस्ताव सरकार ने मान्य किए हैं. सरकार ने बचत बढाने के लिए थोडी राहत दी है. टीडीएस 5 प्रतिशत से 2 प्रतिशत कर दिया गया है. यह स्वागत योग्य है. उसी प्रकार लक्झरी गुड्स पर टैक्स बढाया गया है. सीए तांबी ने बताया कि एमएसएमई का धारा 43 बी एच प्रावधान नहीं हटाया गया है. जिसमें बकाया रहने पर भी टैक्स चुकाना पडता है. उसी के साथ एमएसएमई में 250 करोड के टर्नओवर पर पंजीयन अनिवार्य किया गया है. पुरानी प्रापॅर्टी बेचने पर टैक्स अधिक देना पडेगा.
* सीए आदित्य खंडेलवाल ने बताए अप्रत्यक्ष कर
युवा सीए आदित्य खंडेलवाल ने जीएसटी सहित अप्रत्यक्ष कर के नये प्रावधानों को बतलाया. उन्होंने कानून के बदलावों की जानकारी देते हुए बताया कि 156 वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढा दी गई है. कहीं-कहीं 30 प्रतिशत तो कहीं 150 प्रतिशत तक बढोत्तरी तत्काल अर्थात 24 जुलाई से ही लागू हो गई है. अगले 1 अप्रैल से जीएसटी का 73 व 74 कानून के अनेक प्रावधान रद्द कर 74 ए नाम से नया एक्ट अमल में आयेगा. उन्होंने बताया कि जीएसटी के कई क्लीष्ट प्रावधान हटा दिए गये हैं. यह प्रावधान अफसरों को भी समझ नहीं आ रहे थे. उन्होंने बताया कि विवाद से विश्वास तक योजना जारी रहेगी. इसमें इंट्रेस्ट और पैनल्टी माफ हो सकती है. एक अच्छा प्रावधान यह है कि माल स्टॉक करने पर टैक्स नहीं है. जिस दिन माल सेल होगा. उस दिन जीएसटी लागू रहेगा. सीए खंडेलवाल ने रिफंड के प्रावधान का भी बताया.
* भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर
सीए मोहित गणेशानी ने कहा कि अन्य देशों की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था पटरी पर है. 6-7 प्रतिशत की गति से विकास कर रही है. स्थानीय स्तर पर निर्माण व रियल इस्टेट के क्षेत्र में उछाल आया है. उसी प्रकार देश के बजट में भी रियल इस्टेट को बढावा दिया गया. इसके अलावा ऑटो मोबाइल सेल्स, होटल, इंटरनेशनल एयर कार्गो जैसे क्षेत्र को बढावा दिया गया. वहीं कुछ क्षेत्र जैसा निर्यात में हमने हर्वा सेवा के माध्यम से हलके उत्पादनों की निर्यात अधिक की है. लेकिन भारी उत्पादन जो समुद्री मार्ग से निर्यात होते है. उन बातों पर कम जोर दिया है. भारत में अर्थव्यवस्था में आमदनी बढते ही हम खुद को युनायटेड स्टेट की तरह दिखाने की कोशिश कर रहे है. किंतु यह करना भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं है. इस बजट में कौशल्य विकास रोजगार शिक्षा जैसे विषयों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. ऐसा सुझाव वित्तीय समिति ने दिया था. जिसे पूरा करते हुए केंद्र सरकार ने इसका समावेश भी किया है. जैसे की एमएसएमई में अब 2 करोड नहीं बल्कि 100 करोड तक के प्रोजेक्ट को बिना किसी गहान के लोन मंजूरी प्रदान करने का विश्वास दिलाया है. 12 इंडस्ट्रीज कोरिडोअर प्लान्ट से विकास की अपेक्षा हो रही है. क्रिटीकल मिनरल मिशन की शुरूआत की है. जो चीन मे विगत 25 सालों से कार्यरत है. यह चीन की पुरानी तकनीक है. जिसे अब भारत अपनाने का प्रयास कर रहा है. इस बार के बजट में ग्रामीण क्षेत्र पर अधिक जोर दिया है. जिसके पीएम ग्राम सडक योजना पर सर्वाधिक खर्च हो रहा है. भारत का रेवेन्यू 2022- 23 में 24 लाख करोड था जो अब 31 लाख करोड तक पहुंचा है. कैपिटल में भी सुधार आया है. वह 6 लाख करोड से 11 लाख करोड तक पहुंचा है. लेकिन भारत की आमदनी तथा खर्च का तालमेल अभी भी नहीं बैठ पा रहा है. वर्तमान में भारत में 6 लााख करोड की गैप है. विशेष यह कि जो टैक्स सरकारी तिजोरी में जमा हो रहा है. उनमें से 12 लाख करोड रूपए केवल ब्याज में खर्च हो रहा है. अब सरकार ने सब्सिडी भी कम की है. इस बार के बजट में ग्रामीण क्षेत्र के साथ कृषि, पुलिस विभाग, शिक्षा जिसमें एकलव्य मॉडेल स्कूल, पीएमश्री, आयटी टेलीकॉम, स्वास्थ्य, रेल, रोड जैसे विषयों पर खर्च का प्रावधान है.
* आगे भी उद्योग हित में सेमिनार – लढ्ढा
संचालन रितिका शाह ने किया. प्रस्तावना सीए शाखा अध्यक्ष अनुपमा लढ्ढा ने रखी. उन्होंने बताया कि, आज एएमए के साथ यह पहला आयोजन है. आगे भी दोनों संस्थाएं मिलकर अमरावती में उद्योग, व्यापार जगत के हित में ऐसे आयोजन करेेंगे. उन्होंने आगामी 16 अगस्त को जीएसटी पर आयोजित सेमिनार के बारे में बताया और कहा कि, अधिकाधिक व्यापारियों को जोडने का प्रयत्न रहेगा. इस समय सर्वश्री कमलेश डागा, ब्रजेश सादानी, आकाश महाजन, गजेंद्र काकपुरे, सीए आर. आर. खंडेलवाल, सीए डी. डी. खंडेलवाल, सीए रतन शर्मा, सीए प्राची भट्टड, सीए केशव सोनी, सीए मधुर झंवर, सीए सी. आर. सारडा, सीए राजकुमार चांदवानी, सुमित खंडेलवाल, सीए पवन जाजू, सीए प्रवीण अग्रवाल, अजय खत्री, कमलेश भारानी, आशीष सेठी, मंगेश भारती, अभय परमार, तुषार पोपट, रितिका शाह, पूजा दीक्षित, सीए गणेश अटल समेत अन्य उपस्थित थे.

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