महाराष्ट्र

तेजस एक्सप्रेस की रफ्तार हुई धिमी

निजीकरण का प्रयास साबित हो रहा विफल

  • यात्रियों का नहीं मिल रहा प्रतिसाद

मुंबई/दि. १९ – लॉकडाउन के बाद सबसे पहले शुरु की गई निजी तेजस एक्सप्रेस की रफ्तार अब धिमी पडती नजर आ रही है. ऐन दिपावली के पर्व पर चलाई गई निजी तेजस एक्सप्रेस ट्रेन को यात्रियों का बेहतर प्रतिसाद नहीं मिलने से यह ट्रेन अब बंद करने की नौबत आन पडी है.
लखनउ-दिल्ली मार्ग पर तेजस एक्सप्रेस २३ नवंबर और मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर दौडने वाली एक्सप्रेस को २४ नवंबर तक अगले आदेश मिलने तक बंद रखने का निर्णय इंडियन रेलवे कैटरिंग एन्ड टुरिझम कार्पोरेशन लिमिटेड (आयआरटीसी) ने लिया है.
रेल मंत्रालय की ओर से पहली बार निजी तेजस एक्सप्रेस का उपक्रम शुरु किया, मगर उसे रेल यात्रियों नकार दिया. लॉकडाउन के बाद फिर से एक बार पटरी पर दौडाने के लिए लाये गए तेजस को लखनऊ-दिल्ली मार्ग पर केवल ३० प्रतिशत ही प्रतिसाद मिला. मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर केवल २५ प्रतिशत यात्री ही इस रेल से यात्रा की. रेल की एक फेरी के लिए लगने वाला १५ लाख का खर्च निकाल पानी ही निजी तेजस एक्सप्रेस को मुश्किल हो रहा था. इसलिए मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर चलने वाली १५ प्रतिशत फेरिया रद्द करने का निर्णय इसके पहले ही लिया गया था. अब २४ नवंबर से ही तेजस को अनिश्चित काल के लिए लॉकडाउन कर दिया जाएगा.
आयआरसीटीसी ने लखनऊ-दिल्ली रेल ४ अक्तूबर २०१९ से शुरु की गई थी और अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस इस वर्ष याने १९ जनवरी से शुरु की गई थी. कोविड-१९ के कारण लगभग सात महीने रेल बंद रहने के कारण अनलॉक कालावधि में तेजस १७ अक्तूबर को फिर से पटरी पर उतरी.

महंगी रेल टिकट पर यात्रियों नाखुश

  • – दिल्ली-लखनऊ तेजस एक्सप्रेस टिकट रेट- एसी चेअर कार १२८० रुपये, एक्झिक्युटिव चेअर कार २४५० रुपए.
  • – मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद शताब्दी एक्सप्रेस टिकट रेट- ९६५
  • – मुंबई सेंट्रल कर्णावती एक्सप्रेस टिकट रेट ६८५ रुपए
  • – मुंबई सेंट्रल-अहमदाबाद डबल डेकर- एसी स्पेशल तिकीट ६८५ रुपए.
  • – लखनऊ -दिल्ली गोमती एक्सप्रेस टिकट रेट ११३५ रुपए

आमदनी अठन्नी खर्च रुपया

तेजस एक्सप्रेस के अपडाऊन एक दिन की फेरी के लिए १५ लाख रुपये खर्च होता है, जिसमें कुल ७५८ यात्रियों की ही बुकिंग किया जा सकता है. उसके अलावा भी इस ट्रेन में विभिन्न सेवाओं का भी लाभ लिया जा सकता है. मगर अनलॉक दौरान एक ट्रेन में केवल ५० से ६० यात्रियों की बुकिंग हो रही थी. इसलिए लागत से ज्यादा खर्चा हो रहा था. इससे निजी तेजस एक्सप्रेस को बडा आर्थिक नुकसान सहना पड रहा था.

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