महाराष्ट्र

मंदिर बंद होने का नारियल बिक्री पर असर

नवरात्र उत्सव पर मांग घटी

पुणे./दि.२३ – हर साल नवरात्रौत्सव पर भाविक भक्तों द्वारा नारियल के तोरण बनाकर माता को अर्पित किए जाते है. किंतु इस साल कोरोना के चलते राज्य के सभी मंदिर बंद किए जाने की वजह से व सार्वजनिक नवरात्रौत्सव मंडलों को नियमों का पालन करने के लिए, सूचना दिए जाने की वजह से हर साल की अपेक्षा इस साल नारियलों की मांग कम हुई है. नारियल का उत्पादन आंध्रप्रदेश, तमिलनाडू राज्य में बडी संख्या में किया जाता है. इस बार मुसलाधार बारिश के चलते उत्पादन पर भी इसका परिणाम हुआ है. जिसमें नारियलों के पेडों को नुकसान हुआ है. जिससे आवक मे कमी आयी और उसके दाम भी बढे.
पिछले मार्च महीने से कोरोना संक्रमण का प्रादुर्भाव बढने पर नारियलों की मांग कम हुई. लॉकउाउन के दरमियान मंदिरों के साथ-साथ भोजनालय, होटल भी बंद थे. गणेशौत्सव पर भी इसका परिणाम हुआ. राज्य में नारियलों की मांग में ५० प्रतिशत तक की कमी आयी ऐसा व्यवसायियों का कहना है. घटस्थापना हर घर में की जाती है. नवरात्रौत्सव की शुरुआत में नारियल की मांग दशहरे तक ज्यादा प्रमाण में रहती है. किंतु मंदिर बंद होने की वजह से मांग में कमी आयी है और दाम भी घटे है. खुद्रा बाजार में एक नारियल की किमत २० से २५ रुपए है और भी दाम घटने की आशंका व्यापारियों द्वारा जतायी जा रही है.

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