* वनविभाग द्वारा बंदोबस्त करने की मांग, अब तक अनेको को काटा
चिखलदरा /दि. 19– चिखलदरा पर्यटन नगरी में देवी का विख्यात मंदिर है. अंबादेवी आदिशक्ति के रुप में इस देवी को संबोधित किया जाता है. यहां श्रद्धालुओं की बडी संख्या में भीड रहती है. इसी तरह यहां भारी मात्रा में प्रसाद व नारियल देवी को चढाए जाते है. प्रसाद खाने के लिए बडी संख्या में लाल मुंहवाले बंदर भी यहां काफी रहते है. यह बंदर प्रसाद मिलने के मकसद से नागरिको और श्रद्धालुओं की तरफ दौडते हुए हमला कर उन्हें काट लेते है. इस कारण अब तक यहां आनेवाले पर्यटक व श्रद्धालु घायल हुए है. इस कारण संबंधित प्रशासन को यह बात गंभीरता से लेकर और वनविभाग द्वारा इन बंदरो को पकडकर अन्य स्थानो पर छोडने की मांग होने लगी है.
चिखलदरा के देवी पॉईंट पर ग्रीष्मकाल की तपनी शुरु रहने के बावजूद लाल मुंहवाले बंदरो की भरमार है. यह बंदर मंदिर में आनेवाले पर्यटक और नागरिको को देखकर सीधे उन पर झपटने दौड पडते है. नागरिको के प्रतिकार करने पर वह काटने का प्रयास करते है. इस कारण नागरिको में दहशत व्याप्त है. नागरिको की मांग है कि, यहां पर सुरक्षा की दृष्टि से वनविभाग के कर्मचारी तैनात किए जाए, ताकि बंदरो के आतंक से कोई श्रद्धालु अथवा नागरिक कोई घायल न हो. बंदरो के काटने के बाद रैबीज के इंजेक्शन लेना पडता है. यह इंजेक्शन भी काफी भारी रहते है. इस कारण नागरिको को अन्य संक्रमण भी हो सकता है, ऐसी दहशत नागरिको में होने लगी है. यहां आनेवाले अनेक पर्यटक व भक्तगण लाल मुंहवाले बंदरो के आतंक के कारण अब देवी मंदिर पर जाना टाल रहे है. छोटे बच्चो को भी यह बंदर काटते रहने से छोटे बच्चो में भी दहशत का वातावरण है.
* हर दिन आते है मरीज
वर्तमान में दवाखाने में हर दिन चार से पांच मरीज लाल मुंहवाले बंदरो के काटने से उपचार के लिए स्थानीय ग्रामीण अस्पताल में आ रहे है. उन्हें तीन से पांच इंजेक्शन देने पडते है. लेकिन हर दिन पेशंट यहां आ रहे है.
– सतीश प्रधान, वैद्यकीय अधिकारी, ग्रामीण अस्पताल, चिखलदरा.
* तीन से चार बंदरो ने किया हमला
मैने देवी पॉईंट पर नारियल फोडा और बाहर निकला तब तीन से चार बंदरो ने अचानक हमला कर दिया. मेरे हाथ से प्रसाद की पन्नी झपट ली और हाथ पर काटा भी. वनविभाग तत्काल इस पर कोई उपाययोजना करें.
– चैतराम धांडे, जामली (आर)