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वर्ष २०११ से लागू रहेगा निर्णय
मुंबई/दि.३ -सरकारी शिक्षक बनने का अनेको का सपना रहता है. लेकिन उपरी स्तर पर सेटिंग तथा दर्जेदार शिक्षको का अभाव रहने से केन्द्र सरकार ने शिक्षको के लिए टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य किया था. केन्द्र सरकार ने देशभर के शिक्षको को और इच्छुक उम्मीदवारो को बडी राहत दी है. केन्द्र सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा की ७ वर्ष की वैधता खत्म कर दी थी. शिक्षक अथवा इच्छुक उम्मीदवार एक बार टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण हुआ कि उसका वह प्रमाणपत्र केवल ७ वर्ष वैध रहता था. यह अवधि खत्म कर केन्द्र सरकार ने एक बार परीक्षा उत्तीर्ण हुआ कि टीईटी प्रमाणपत्र उम्रभर के लिए वैध करने का निर्णय लिया है. विशेष यह कि यह निर्णय २०११ से लागू किया जायेगा. इस कारण लाखों शिक्षको को बडी राहत मिली है.
शिक्षा मंत्रालय ने आज इसकी घोषणा की है. शिक्षण मंत्रालय ने बताया कि टीचर इलिजीबिलिटी टेस्ट की वैधता अब लाईफ टाईम रहेगी. यानी जिस उम्मीदवार ने २०११ में टीईटी उत्तीर्ण की है तो उनका सर्टी फिकेट उम्रभर के लिए वैध रहेगा. सरकारी शालाओ में अथवा अनुदानित शालाओं में शिक्षक की नौकरी लेनी हो तो टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होना जरूरी है. साथ ही जो शिक्षक नौकरी करते है. उन्हें भी टीईटी पास होना जरूरी किया गया है. पूर्व के नियम के अनुसार ७ वर्ष के भीतर ही वह उम्मीदवार शिक्षक की नौकरी के लिए अर्ज कर सकता है. वह अवधि खत्म होने के बाद फिर टीईटी परीक्षा देना बंधनकारक था. अब यह टेंशन खत्म हो चुका है.