ओबीसी आरक्षण पर फडणवीस के तेवर से झुकी ठाकरे सरकार ?
स्थानीय निकायों के उपचुनाव आगे बढ़ाने की EC से करेगीअपील
मुंबई/दि. 23 – राज्य सरकार मुख्य सचिव के माध्यम से राज्य चुनाव आयोग से अपील करेगी कि वह स्थानीय निकायों के चुनावों की तारीख आगे खिसका दे. आज के कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया है. इससे पहले ठाकरे सरकार पर हमलावर होते हुए नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस ने मांग की थी कि जब तक ओबीसी आरक्षण को राज्य में फिर से बहाल नहीं किया जाता तब तक जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनाव रद्द किए जााएं. अगर यह मांग नहीं मानी जाती तो भाजपा सारी सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार ही उतारेगी. जीत मिले या हार, भाजपा इसकी परवाह नहीं करेगी.
एक तरफ भाजपा की ओर से देवेंद्र फडणवीस और पंकजा मुंडे ‘ओबीसी आरक्षण की पुनर्बहाली नहीं तो चुनाव नहीं ‘का तेवर अपना रहे थे तो दूसरी तरफ सरकार में शामिल ओबीसी चेहरे वाले मंत्री छगन भुजबल और विजय वडेट्टीवार का भी इसे लेकर यही मत था. इसे देखते हुए आज (बुधवार) मंत्रिमंडल की बैठक में चर्चा हुई और यह तय हुआ कि राज्य सरकार मुख्य सचिव के माध्यम से चुनाव आयोग से अपील करेगी कि वह चुनाव की तारीखें आगे बढ़ाए.
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भाजपा शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला, ठाकरे सरकार के खिलाफ की शिकायतें
इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में आज (23 जून, बुधवार) भाजपा का शिष्टमंडल राज्यपाल से मिला. इस मुलाकात में तीन मुद्दे रखे गए. पूर्ण अधिवेशन बुलाए जाने की मांग की गई. देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ठाकरे सरकार घोटाले और भ्रष्टाचार के मामले उजागर होने से घबरा गई है इसलिए पूर्ण अधिवेशन बुलाए जाने से आनाकानी कर रही है. ऐसा कर संवैधानिक दायित्वों का पालन नहीं कर रही है. दूसरा मुद्दा यह रखा गया कि जब तक ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण फिर से बहाल नहीं हो जाता, तब तक स्थानीय निकायों के चुनाव रद्द किए जाएं. इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल के सामने तीसरी मांग यह रखी कि काफी अर्से से विधानसभा अध्यक्ष का पद रिक्त है, संविधान के नियमों के मुताबिक यह पद अधिक समय तक रिक्त नहीं रखा जा सकता. नए विधानसभा अध्यक्ष की नियुक्ति जल्दी की जाए. लेकिन महाराष्ट्र में कोई भी काम संवैधानिक तरीके से नहीं किया जा रहा है. राज्यपाल से मुलाकात के बाद देवेंद्र फडणवीस ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए ठाकरे सरकार पर जम कर हमला बोला.
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चुनाव हुए तो भाजपा उतारेगी सिर्फ ओबीसी उम्मीदवार
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य सरकार के नाकारापन की वजह से ओबीसी समाज का राजनीतिक आरक्षण सुप्रीम कोर्ट में रद्द हो गया है. जब तक यह आरक्षण बहाल नहीं हो जाता, तब तक के लिए ये चुनाव रद्द किए जाएं. अगर जिला परिषद और पंचायत समिति के इन उप चुनावों को रद्द करने की मांग नहीं मानी जाती है तो हम इन सीटों पर सिर्फ ओबीसी समाज के उम्मीदवार ही खड़े करेंगे. जीतें या हारें इसकी हमें परवाह नहीं है. हमने उन सीटों को ओबीसी के लिए ही आरक्षित समझा है. जब तक ओबीसी का राजनीतिक आरक्षण फिर से बहाल नहीं हो जाता तब तक भाजपा शांत नहीं बैठेगी. ठाकरे सरकार पर हमलावर होते हुए उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सरकार पिछड़े वर्ग से संबंधित जिलावार आंकड़ा प्रस्तुत करे, लेकिन राज्य सरकार ने इंपिरिकल डाटा तैयार नहीं किया. राज्य सरकार से अपेक्षा थी कि वे राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग गठित करे. राज्य सरकार द्वारा होमवर्क नहीं किए जाने की वजह से कोर्ट में पिछड़ा आरक्षण नहीं टिक सका. राज्य सरकार द्वारा लगातार ओबीसी समाज के साथ विश्वासघात होता रहा है. ओबीसी समाज के साथ हो रहे इस विश्वासघात के खिलाफ भाजपा 26 जून को राज्य भर में चक्का जाम आंदोलन करेगी.
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कहां और क्यों हो रहे हैं ये जिला परिषद और पंचायत उपचुनाव?
सुप्रीम कोर्ट ने कुल 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की सीमा का उल्लंघन किए जाने के तर्क पर महाराष्ट्र के धुले, नंदुरबार, अकोला, वाशिम और नागपुर जिलों में ओबीसी के जिला परिषद और पंचायत समिती में ओबीसी को मिले अतिरिक्त राजनीतिक आरक्षण को रद्द कर दिया था. इस तरह से रिक्त हुई पंचायत समिति और जिला परिषद की सीटों पर चुनाव के लिए कार्यक्रम जारी किया गया है.
राज्य चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए कार्यक्रम के मुताबिक 5 जिलों और 33 पंचायत समितियों में खाली हुई सीटों के लिए उपचुनाव होंगे. 19 जुलाई 2021 को मतदान होगा. 20 जुलाई 2021 को मतगणना करवाई जाएगी. जिन पांच जिलों में जिला परिषद के चुनाव होंगे उनमें धुले में 15, नंदुरबार में 11, अकोला में 14, वाशिम में 14 और नागपुर में 16 सीटें हैं. पंचायत समितियों के चुनाव की बात करें तो धुले में 30, नंदुरबार में 14, अकोला में 28, वाशिम में 27 और नागपुर में 31 सीटों पर चुनाव होना है.