महाराष्ट्र

ठाकरे सरकार ने लोकतांत्रिक मूल्यों की शवयात्रा निकाली

राज्यपाल से मिलने के बाद बोले भाजपा विधायक

मुंबई/दि. 5 – महाराष्ट्र विधानसभा के दो दिनों के मॉनसून सत्र के पहले दिन ही जबर्दस्त हंगामा हो गया. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सत्ताधारी और विपक्ष आमने-सामने आ गए. टेबल प्रेसिडेंट के सामने दोनों में धक्का-मुक्की भी हुई. इसके बाद भाजपा के 12 विधायकों को 1 साल के लिए निलंबित कर दिया गया. भाजपा सदस्यों ने फिर सदन के कामकाज का बहिष्कार किया. सदन से वॉकआउट कर गए. फिर शाम को भाजपा के ये 12 निलंबित विधायक राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिले. इन्होंने राज्यपाल से अपने खिलाफ जिन आरोपों पर कार्रवाई की गई है, उनसे संबंधित रिपोर्ट मंगवाने की मांग की. राज्यपाल से मुलाकात के बाद इन निलंबित भाजपा विधायकों ने पत्रकारों से बात की. इस कार्रवाई को लेकर आशिष शेलार और संजय कुटे ने ठाकरे सरकार पर जम कर हमले किए.
आशिष शेलार ने कहा कि हममें से किसी ने भी गाली-गलौज तो दूर, अपशब्द का इस्तेमाल भी नहीं किया. हम पर जो कार्रवाई हुई, वो एकतरफा है. हमें अपनी बात कहने का मौका ही नहीं दिया गया. कुछ लोगों द्वारा सोशल मीडिया में फैलाए जा रहे विडियो में कहीं भी ऐसा दिखाई नहीं दे रहा है जिससे यह स्पष्ट हो कि भाजपा विधायकों ने सदन का या सदन में उपस्थित टेबल प्रेसिडेंट का अपमान किया है. हमने यह बात राज्यपाल महोदय के सामने रखी और उनसे यह आग्रह किया कि हम पर जो कार्रवाई की गई है उससे संबंधित वे रिपोर्ट मंगवाएं. उस रिपोर्ट के आधार पर वे उचित निर्णय लें. राज्यपाल महोदय ने हमारी बात 35 मिनट तक सुनी. उन्होंने हमें आश्वासन दिया है कि वे इस संबंध में उचित कार्रवाई करेंगे.

  • 12 के आंकड़े का रहस्य क्या?

शेलार ने कहा कि ठाकरे सरकार ने आज लोकतांत्रिक मूल्यों की शवयात्रा निकाली है. इस कार्रवाई के बाद OBC आरक्षण को लेकर भाजपा की लड़ाई और तेजी से आगे बढ़ेगी. एक घंटा चर्चा करके आखिर 12 के आंकड़े पर निर्णय लेने की वजह क्या है? यह सवाल करते हुए शेलार ने कहा कि राज्यपाल के सामने हमने अपनी बातें रखींं उन्होंने उचित कार्रवाई का हमें आश्वासन दिया है.
बता दें कि पिछले 7 महीने से अधिक समय से राज्यपाल के पास 12 विधायकों की सूची लंबित पड़ी है. राज्यपाल ने अभी तक इस पर हस्ताक्षर नहीं किया है. इस वजह से ठाकरे सरकार द्वारा भेजी गई इन 12 विधायकों की नियुक्ति लंबित है.
पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमने राज्यपाल से बताया कि जो घटना हुई ही नहीं है, उसके लिए हमें निलंबित किया गया है. कुछ ऐसे सदस्यों को निलंबित किया गया है जो वेल तक गए भी नहीं थे. 4 सदस्य वेल तक गए तो 12 सदस्यों को निलंबित क्यों किया गया. साजिश रच कर हमें निलंबित किया गया है. हमने राज्यपाल से आग्रह किया कि वे इस निलंबन पर वे विस्तार से रिपोर्ट मंगवाएं और उस रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करें.
राज्यपाल से हुई इस मुलाकात पर विधायक संजय कुटे ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 12 विधायकों का निलंबन इसलिए हुआ क्योंकि फरवरी में स्थानीय निकायों के चुनाव है. तब तक सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किए गए ओबीसी आरक्षण की पुनर्बहाली ठाकरे सरकार नहीं चाहती है. इन्हें ओबीसी समाज को आरक्षण नहीं देना है. इसलिए हमारी आवाज दबाने की कोशिश की गई है.

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