महाराष्ट्र

ठाकरे सरकार अपने पांच साल पूरे करेगी

एनसीपी चीफ शरद पवार  ने कहा

मुंबई/दी.२७-महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार के पांच सालों तक टिकने पर लगातार संदेह व्यक्त किया जाता रहा है. एनसीपी चीफ शरद पवार  ने आज इस सवाल का जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि ठाकरे सरकार अपने पांच साल पूरे करेगी, इस बात को लेकर मेरे मन में कोई संदेह नहीं है. खास कर भाजपा की ओर से लगातार इस तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं कि यह सरकार आपसी कलह के बोझ तले दब कर गिर जाएगी. इसे बाहर से गिराने की कोई ज़रूरत नहीं पड़ेगी. विपक्ष के इस लगातार हो रहे हमलों को ध्यान में रखते हुए आज शरद पवार ने कहा कि यह तीन पार्टियों के गठबंधन की सरकार बहुत अच्छी तरह से चल रही है. आपसी समन्वय के साथ चल रही है. यह अपने पांच साल का कार्यकाल आसानी से पूरा करेगी. इसको लेकर मेरे मन में कोई शंका नहीं है. शरद पवार ने अपने इस विश्वास का कारण भी बताया. उन्होंने वो वजह बताई कि आखिर क्यों ठाकरे सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि इस सरकार में तीनों पार्टियों में समन्वय कायम रखने की जिम्मेदारी छह नेताओं पर सौंपी गई है, जब भी किसी बात पर मतभेद शुुरू होता है, ये छह लोग ही उसे मिलकर सुलझाते हैं. शरद पवार ने यह बात आज बारामती में मीडिया को संबोधित करते हुए कही.

छह नेताओं का गुट, गुटबंदी के मसले सुलझाता है

शरद पवार ने पत्रकारों से कहा कि सरकार चलाने में किसी ना किसी बात पर मतभेद पैदा होना स्वाभाविक है. ऐसे में चर्चा हुई कि कोई समाधान ढूंढा जाए. तय हुआ कि तीनों पार्टियों से कुछ लोग लिए जाएं और उन्हें इन मतभेदों को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी जाए. इसके बाद कांग्रेस पार्टी से बालासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण को लिया गया. शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई को सामने लाया गया. एनसीपी से जयंत पाटील और अजित पवार सामने आए. इस तरह छह नेताओं का एक गुट तैयार हुआ जो ठाकरे सरकार में उठने वाली हर गुटबंदी को बातचीत से सुलझाता है.

संगठन की ताकत बढ़ाने का सबको हक़, इसमें क्या गलत ?

पवार ने कहा कि यही वजह है कि मुझे इस बात पर कोई शंका नहीं कि ठाकरे सरकार अपने पांच साल पूरे करेगी. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले अक्सर अगले सारे चुनाव अपने दम पर लड़ने की बात दोहराते रहे हैं और महाविकास आघाड़ी से हट कर ‘एकला चलो रे’ की नीति अपनाते रहे हैं. इस तरह से उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए शरद पवार ने कहा कि राजनीति में हर पार्टी को अपने-अपने संगठन की ताकत बढ़ाने का हक़ है. इसमें कुछ भी गलत नहीं है. लेकिन महाविकास आघाड़ी सरकार की स्थापना के वक्त हम कुछ मुद्दों को लेकर इकट्ठे हुए थे. उस वक्त हमारा कॉमन मिनिमम प्रोग्राम तैयार हुआ. बस उसका ध्यान रखते हुए आगे चलना है.

RBI का निर्णय सब को मानना पड़ेगा

रिजर्व बैंक (RBI) ने सहकारी बैंकों (Co-operative Bank) का राजनेताओं द्वारा दुरुपयोग रोकने के लिए एक निर्णय लिया है. इस निर्णय के तहत अब विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को इन बैंकों के बोर्ड ऑफ डिरेक्टर्स के पदों पर नियुक्त होने से रोक दिया गया है. आरबीआई ने शुक्रवार को इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की. इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए शरद पवार ने कहा कि आरबीआई आर्थिक संस्थाओं और बैंकिंग सेवाओं पर निगरानी रखने वाली सर्वोच्च संस्था है. इसलिए अगर वह कोई निर्णय लेती है तो स्वीकार करना पड़ेगा.

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